Russia Election 2024: रूस में 25 वर्षों से ‘अजेय’ पुतिन के खिलाफ चुनाव लड़ने की किसने… – भारत संपर्क

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Russia Election 2024: रूस में 25 वर्षों से ‘अजेय’ पुतिन के खिलाफ चुनाव लड़ने की किसने… – भारत संपर्क
Russia Election 2024: रूस में 25 वर्षों से 'अजेय' पुतिन के खिलाफ चुनाव लड़ने की किसने दिखाई हिम्मत?

Russia’s Presidential Candidates

रूस में 15 मार्च से राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हो रहा है जो 17 मार्च तक चलेगा. अगर ऐसा कहा जाए कि पुतिन को फिर से चुनने के लिए मतदान हो रहा है तो ज्यादा सही होगा, क्योंकि पिछले चार चुनाव में ऐसा ही हुआ है. रूस में पिछले 25 सालों से व्लादिमीर पुतिन को कोई नहीं हरा पाया है, इसबार पुतिन के सामने तीन उम्मीदवार हैं जो उनको हराने का दावा कर रहे हैं. लेकिन रूस के मौजूदा हालात को देखते हुए उनको हराना किसी सपने जैसा है. स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अलावा, उम्मीदवारों में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDPR) के लियोनिद स्लटस्की, कम्युनिस्ट पार्टी के निकोलाई खारितोनोव और न्यू पीपल पार्टी के व्लादिस्लाव दावानकोव शामिल हैं. लोगों में इस बात को जानने की भी उत्सुकता है कि पुतिन के सामने खड़े होने की हिम्मत करने वाले ये नेता कौन हैं. आइये जानते हैं पुतिन के सामने खड़े होने वाले उम्मीदवार कौन हैं…

व्लादिस्लाव दावानकोव

व्लादिस्लाव दावानकोव न्यू पीपल पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए मैदान में हैं. 40 साल दावाकोव एक पूर्व बिजनेसमैन हैं और 2021 से स्टेट ड्यूमा के उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने अपने चुनाव अभियान के दौरान यूक्रेन के साथ शांति और बातचीत, प्रेस की आजादी और पश्चिमी देशों के साथ रूस के संबंधों को सामान्य बनाने की वकालत की है. दावानकोव कहते हैं कि लोग शांतिपूर्ण देश में रहना चाहते हैं और पुतिन के जंग को जारी रखने की मुखाल्फत करते हैं.

लियोनिद स्लटस्की

56 साल के स्लटस्की दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी LDPR के प्रमुख हैं. स्लटस्की 2000 से स्टेट ड्यूमा के सदस्य हैं, इनका नाम कई घोटालों में आ चुका है. साल 2014 में क्रीमिया के कब्जे के समर्थन के लिए पश्चिम देश ने उनपर प्रतिबंध भी लगाया था. इसके अलावा उनपर 2018 में पत्रकारों के यौन उत्पीड़न का आरोप भी लग चुका है. उन्होंने चुनाव प्रचार में कहा है, “मेरे चुनाव में खड़े होने का मुख्य लक्ष्य युद्ध में रूस को अंतिम और जल्दी जीत दिलाना है.”

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निकोलाई खारितोनोव

75 साल के खारितोनोव चुनाव में सबसे उम्रदराज उम्मीदवार हैं. कम्युनिस्ट खारितोनोव 1993 से राज्य ड्यूमा के सदस्य और 2004 में राष्ट्रपति पद का चुनाव भी लड़ चुके हैं. इस चुनाव में उनको करीब 13 फीसदी वोट मिले थे. खारितोनोव ने कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं, उनके इलेक्शन एजेंडे में पेंशन की उम्र कम करना, पेंशन का भुगतान बढ़ाने और बड़े परिवारों का साथ देना शामिल है. इसके अलावा उन्होंने वर्ल्ड ट्रेड ऑरगेनाइजेशन, IMF और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठ से रूस के सदस्यता खत्म करने का भी सुझाव दिया है. खारितोनोव का मानना है, ये संगठन रूस की आर्थिक संप्रभुता को कमजोर कर रहे हैं.

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