युद्ध नहीं रोकने पर रूस को भुगतने होंगे परिणाम, पुतिन संग मुलाकात से पहले ट्रंप की… – भारत संपर्क


डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 15 अगस्त को बैठक होने वाली है. ये बैठक यूक्रेन युद्ध पर केंद्रित रह सकती है. बैठक से पहले ट्रंप ने रूस को एक बार फिर चेतावनी दी है, ट्रंप ने कहा कि अगर इस बैठक में पुतिन युद्धविराम पर सहमति नहीं दिखाते हैं, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. ट्रंप ने ये भी कहा कि रूसी राष्ट्रपति के साथ दूसरी बैठक की अच्छी संभावना है, जिसमें यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की भी शामिल हो सकते हैं.
ट्रंप-पुतिन से मुलाकात पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूरोपीय नेताओं और ट्रंप से बात की है. बातचीत के बाद, जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका हमारा समर्थन करने के लिए तैयार है और अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा कि पुतिन प्रतिबंधों के प्रभाव के बारे में ‘धोखा’ दे रहे हैं.
#WATCH | On reports of Russia suspected to be behind hack of US federal court filing system and if would bring it up when he meets President Putin later this week, US President Donald Trump says, “I guess I could…They hack in, that’s what they do. They are good at it. We are pic.twitter.com/uyfiUn2Bzg
— ANI (@ANI) August 13, 2025
यूरोपीय नेता खुलकर आए जेलेंस्की के साथ
पुतिन और ट्रंप के बैठक से पहले यूरोपीय देशों जेलेंस्की का खुलकर समर्थन करने के लिए आगे आए हैं. जर्मन चांसलर मर्ज़ ने कहा कि प्राथमिकता युद्धविराम सुनिश्चित करना है, उन्होंने आगे कहा कि अगर रूस सहमत नहीं होता है, तो यूक्रेन के सहयोगियों को उस पर दबाव बढ़ाना चाहिए.
वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने यूक्रेन को निरंतर समर्थन देने का वादा किया और पुतिन को बातचीत की मेज पर लाने के लिए ट्रंप का धन्यवाद किया.
कैसे होगा युद्धविराम?
भले ही ट्रंप के साथ पुतिन की इस मुलाकात से पूरी दुनिया को सकारात्मक उम्मीद है. लेकिन युद्ध विराम की शर्तें क्या होंगी इस पर अभी भी कुछ साफ नहीं है. जानकारों का मानना है कि पुतिन युद्ध विराम के बदले रूस के कुछ क्षेत्र की मांग कर सकते हैं, जबकि यूक्रेन राष्ट्रपति ने अपने देश की एक इंच भी जमीन सौंपने की बात को खारिज कर दिया है.
वहीं जमीनी स्तर पर रूस ने हाल में यूक्रेन का करीब 20 फीसद क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है. ऐसा नहीं शांति वार्ता की कोशिश पहली बार की जा रही है. इससे पहले शांति वार्ता के लिए तुर्की के अंकारा और सऊदी अरब के जेद्दा में अधिकारी युद्ध विराम पर बैठकें कर चुके हैं. अब देखना होगा क्या ट्रंप ये युद्ध विराम करा पाते हैं या एक और कोशिश नाकाम जाएगी.