शपथ लेते ही चीन चले रूस के राष्ट्रपति पुतिन, क्या है प्लानिंग? | russian president… – भारत संपर्क


पुतिन और शी (फाइल फोटो)/X
रूस के राष्ट्रपति पद की 5वीं बार शपथ लेने के बाद व्लादिमिर पुतिन अपना पहला विदेशी दौरा करने वाले हैं. क्रेमलिन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक व्लादिमिर पुतिन 16-17 मई को चीन की यात्रा करेंगे. क्रेमलिन के अधिकारिक बयान में बताया गया, “चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर व्लादिमीर पुतिन पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के रूप में 16-17 मई को चीन की जाएंगे.”
व्लादिमिर पुतिन की यात्रा ऐसे समय पर हो रही है, जब यूक्रेन में रूसी सेना को रोकने के लिए नाटो देश लगातार दबाव बना रहे हैं. युद्ध की शुरुआत से चीन यूक्रेन-रूस युद्ध में रूस का समर्थन करता आया है. जब यूक्रेन की मदद के लिए पश्चिमी देश एक हो रहे हैं तब माना जा रहा है रूस भी अपनी ताकत बनाने में जुटा है.
यात्रा में हो सकते हैं कई अहम समझौते
क्रेमलिन के स्टेटमेंट के मुताबिक दोनों नेता रूस-चीन में व्यापक साझेदारी और रणनीतिक सहयोग के दायरे को बढ़ाने के लिए चर्चा करेंगे. इसके साथ ही इस दौरे में दोनों देशों के बीच आगे के व्यावहारिक सहयोग के लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी और अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर एक साथ काम करने के लिए चर्चा होगी. इस यात्रा में उम्मीद है कि वार्ता के बाद राष्ट्रपति जॉइंट प्रेस कांफ्रेंस और कई द्विपक्षीय समझौतों पर साइन करेंगे.
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युद्ध में चीन के साथ बड़ा व्यापार
यूक्रेन युद्ध के बाद चीन और रूस के बीच व्यापार तेजी से बढ़ा है. चीन ने रूस पर लगे प्रतिबंधों के बाद रूस से सस्ते दामों में गैस और तेल खरीदा है. चीन के कस्टम फिगर के मुताबिक दोनों देशों के बीच होने वाला ट्रेड 2023 में 240 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.
AFP को दिए गए इंटरव्यू में रूस यूरेशिया सेंटर के डायरेक्टर अलेक्जेंडर गैब्यूव ने बताया, “रूसी चाहते हैं कि चीन उसका समर्थन करने के लिए और अधिक प्रयास करे, जो चीन करने में अनिच्छुक है क्योंकि वह पश्चिम के साथ अपने संबंधों को खतरे में नहीं डालना चाहता है.” जानकार इस यात्रा से उम्मीद कर रहे हैं कि इसके बाद चीन और ज्यादा खुले तौर पर रूस के साथ आ सकता है.