यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस की बड़ी जीत, अवदिविका पर किया कब्जा, जानें कितना है अहम… – भारत संपर्क

0
यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस की बड़ी जीत, अवदिविका पर किया कब्जा, जानें कितना है अहम… – भारत संपर्क

यूक्रेन के अवदिवका में तबाही और बर्बादी के आंकड़े ने बाखमुत को भी पीछे छोड़ दिया है. यहां बाखमुत से भी बड़ा संहार हुआ और अब बाखमुत की तरह ही यहां भी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर को बड़ी जीत मिली है. अवदिविका पर रूस ने कब्जा जमा लिया है. यूक्रेन ने इस इलाके से अपनी बची-खुची सेना हटाने का फैसला कर लिया है. यूक्रेन के नए सेना प्रमुख जनरल सिरीस्की ने इसका ऐलान कर दिया है. मई 2023 में बाखमुत के बाद रूस को यह पहली बड़ी जीत मिली है.

हथियारों की भारी कमी और रूस के ताबड़तोड़ प्रहार ने यूक्रेन के सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है. रूस की सेना ने तीन तरफ से घेर कर यूक्रेनी फौज पर हमला किया, जिसकी वजह से यूक्रेनी फौज की सप्लाई लाइन भी कट गई. अब यूक्रेनी फौज वापस लौट रही है और जेलेंस्की हार टालने के लिए नाटो देशों से जल्द हथियार देने की गुहार लगा रहे हैं.

अवदिवका छोड़कर भाग गए लोग, खंडहर बना शहर

यूक्रेन का ये शहर पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. हजारों इमारतों वाले शहर में टूटी-फूटी दीवारें और अधजली इमारतें नजर आती हैं. 32 हजार की आबादी अवदिवका छोड़कर भाग गई है. यहां का एक भी कोना सलामत नहीं बचा. शहर के नाम पर सिर्फ खंडहर ही खंडहर है. यूक्रेन के सैनिक अवदिवका से हार कर वापस लौट रहे हैं. यहां रहने वाले लोगों ने बहुत पहले इस शहर को छोड़ दिया था.

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की मदद की गुहार लगा रहे थे ताकि यूक्रेन की सेना अवदिवका को बचा सके, लेकिन वो काम नहीं आ सकी है. हथियारों की कमी के कारण यूक्रेनी सेना के लिए अवदिवका में डटे रहना बेहद मुश्किल हो गया था. रूस अवदिवका पर कब्जे के लिए जोर लगा रहा था और यहां मारियुपोल जैसे हालात बनने के आसार दिखाई दिए हैं.

अवदिवका रणनीतिक तौर पर रूस के लिए कितना अहम?

अवदिवका रणनीतिक तौर पर रूस के लिए बेहद अहम है. अवदिवका को डोनेस्क की एंट्री कहा जाता है. रूस के कब्जे वाले डोनेस्क और अवदिवका के बीच सिर्फ 15 किलोमीटर की दूरी है. ये डोनबास का औद्योगिक इलाका है और संपूर्ण डोनबास पर कब्जे के लिए अवदिवका पर कब्जा जरूरी हो गया था. अवदिवका में यूक्रेन ने सुरंग और बंकर का बड़ा जाल बिछाया हुआ है. यहीं से डोनेस्क पर गोलाबारी की जाती रही है. बंकर की वजह से ही रूस के सैनिकों के सामने यूक्रेन के सैनिक 5 महीने तक टिके रहे.

यहां सोवियत काल की एक बहुत बड़ी फैक्ट्री है, जहां केमिकल के साथ कई चीजें बनाई जाती हैं. केमिकल प्लांट के पास बेसमेंट है और इसलिए कहा जा रहा है कि अवदिवका में मारियुपोल जैसी जंग होगी. क्योंकि वहां भी अजोवस्तल स्टील प्लांट में यूक्रेन के सैनिकों ने शरण ली थी. रूस की सेना ने अक्टूबर 2023 में अवदिवका का मिशन शुरू किया था. डोनेस्क को सुरक्षित बनाने के लिए रूस की आर्मी इस इलाके पर कब्जे की कोशिश में थी.

रूस ने अवदिवका के लिए बनाई ऐसे रणनीति

  • रूस ने अवदिवका में पूरी ताकत से हमला किया था.
  • 50 हजार सैनिकों को मिशन में लगाया गया था.
  • आर्मर्ड बटालियन और टैंकों की भारी तैनाती की गई.
  • बाखमुत की तरह तीन तरफ से घेरने की रणनीति बनाई थी.
  • सप्लाई लाइन काटकर तीन तरफ से हमला किया गया.

रूस की आर्मी ने यहां भी बाखमुत का फॉर्मूला चला और ऑपरेशन मीट ग्राइंडर की तरह ही यूक्रेन की सेना को घेरने की रणनीति बनाई थी. बाखमुत की तरह ही ताबड़तोड़ हमले से हर इमारत को तबाह कर दिया गया ताकि यूक्रेन के सैनिक कहीं छिप न सकें, लेकिन अवदिवका की जंग को जीतना बाखमुत की तरह आसान नहीं था. अवदिवका में यूक्रेनी फौज के कई बंकर थे. बंकर में हथियारों का बहुत बड़ा स्टॉक था. बंकर हवाई या आर्टिलरी प्रहार से सैनिकों की सुरक्षा करता रहा है, लेकिन लगातार हमले से यूक्रेनी सैनिकों के लिए मुकाबला करना मुश्किल हो गया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

राजनीतिक द्वेष के तहत बिना जांच किए कराया गया एफआईआर: बद्री…- भारत संपर्क| सूरजपुर जिले से 12 हाथियों की हुई एंट्री, 26 हाथी सफोदा बीट…- भारत संपर्क| Asia Cup 2025: 2 चौके- 5 छक्के… अफगानी बल्लेबाज ने तोड़ा सबसे तेज अर्धशतक… – भारत संपर्क| छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणियों का संरक्षण और संवर्धन हमारी…- भारत संपर्क| रायगढ़ में एसपी ने ली अपराध समीक्षा बैठक, पुलिसकर्मी हुए सम्मानित, बैठक में सुखा नशा… – भारत संपर्क न्यूज़ …