चीन को लेकर एस जयशंकर ने दिया बड़ा बयान, मैन्युफैक्चरिंग…- भारत संपर्क

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चीन को लेकर एस जयशंकर ने दिया बड़ा बयान, मैन्युफैक्चरिंग…- भारत संपर्क
चीन को लेकर एस जयशंकर ने दिया बड़ा बयान, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बूम के लिए इंडिया को बदलनी होगी रणनीति

विदेश मंत्री एस जयशंकर

चीन को लेकर विदेश मंत्री एस जय शंकर ने बड़ा बयान दिया है. पीटीआई को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा कि भारत के डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने से भारत को चीन का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इससे इकोनॉमिक फील्ड पर विदेश नीति में बहुत बदलाव देखने को मिल सकता है. मोदी की तारीफ करते हुए जय शंकर ने कहा कि पिछले दस सालों में डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग पर अधिक ध्यान दिया गया है. 2014 से पहले इस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया था. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र पर आज से पहले फोकस की कमी के कारण भारत और चीन में व्यापार की ग्रोथ में कमी आई है.

उन्होंने कहा कि हमें कॉन्फिडेंट होने की जरूरत है. हमारे पास चीन जैसा पड़ोसी है. हमें कंपीट करना सीखना होगा. हमारी शिकायतो से चीन अपनी हरकतो से बाज नहीं आएगा. अगर हम अपनी ताकत नहीं बढ़ाते तो हमारी विदेश नीति, घरेलू नीति जितनी ही अच्छी नहीं होती.

2014 के बाद आया है काफी बदलाव

उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी अर्थव्यवस्था का निर्माण कर सकते है तो हम उस तरह की क्षमताएं बना सकते है जो हम आज करने की कोशिश कर रहे है. मुझे लगता है कि आप विदेश नीति के टूलकिट में वास्तव में दुनिया को प्रभावित करने के लिए बहुत अधिक संसाधन की जरूरत है. जय शंकर ने कहा कि 2014 से पहले डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया था. भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध चल रहा है और सीमा विवाद का पूर्ण समाधान अभी तक नहीं हो पाया है, हालांकि दोनों पक्ष पीछे हट गए हैं. जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि यह सामान्य ज्ञान है कि अगर सीमा पर शांति नहीं है तो आप सामान्य संबंध कैसे रख सकते हैं.

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भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार में आई ग्रोथ

पिछले दशक की शुरुआत से भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि दर्ज की गई. 2015 से 2022 तक भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार में 90.14 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो औसत वार्षिक वृद्धि का 12.87 प्रतिशत है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2022 में चीन के साथ कुल व्यापार सालाना आधार पर 8.47 प्रतिशत बढ़कर 136.26 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो लगातार दूसरी बार 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आंकड़ा पार कर गया. हालांकि, व्यापार घाटा 101.28 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर आ गया, क्योंकि चीन से भारत के आयात में बड़ी वृद्धि देखी गई.

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