सलमान रुश्दी ने तालीबान से की हमास की तुलना, कहा छात्रों का हमास को समर्थन करना… – भारत संपर्क


सलमान रुश्दी
इजराइल और हमास के बीच छिड़ी जंग को 7 महीने बीत चुके हैं. इस दौरान इजराइली सेना ने हमास के ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किए. सेना के हमलों से गाजा में तबाही मचा दी है. हर तरफ मलबा ही नजर आ रहा है. लोग अपनी जान बचाने के लिए राहत शिविरों में पनाह ले रहे हैं. दुनियाभर की निगाहें इस जंग पर टिकी हैं. कई देशों में प्रदर्शन भी हो रहे हैं. कई फिलिस्तीन का समर्थन कर रहा है तो कोई इजराइल का.
इस बीच मशहूर उपन्यासकार और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सलमान रुश्दी ने आजाद फिलिस्तीन की वकालत करने वाले अमेरिकी कैंपस में प्रदर्शन करने वाले लोगों पर नाराजगी जाहिर कर उनकी कड़ी आलोचना की है. जर्मन ब्रॉडकास्टर रुंडफंक बर्लिन-ब्रैंडेनबर्ग द्वारा आयोजित ‘ऑर्टे अंड वोर्टे’ पॉडकास्ट पर एक चर्चा के दौरान रुश्दी ने छात्र आंदोलनों के राजनीतिक झुकाव के बारे में चिंता व्यक्त की.
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सोशल मीडिया पर शेयर की गई क्लिप
रुश्दी की टिप्पणियों की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर की गई है. इसके साथ ही इजराइल के आधिकारिक एक्स अकाउंट और इजराइली राजनयिक डेविड सारंगा के सोशल अकाउंट पर भी ये क्लिप शेयर की गई है.
Salman Rushdie, who has been chased to the ends of the earth by Islamists, sees things clearly. A Palestinian state would reflect Palestinian culture, and therefore be a menace to the world. People who think all you need is the right peace deal are crazy. pic.twitter.com/0MxQMg4xTr
— Richard Hanania (@RichardHanania) May 19, 2024
‘फिलिस्तीन को तालिबान जैसा राज्य बना देता हमास’
रुश्दी जिन्होंने लंबे समय से फिलिस्तीनी राज्य के विचार का समर्थन किया है. उन्होंने वर्तमान आशंकाओं को समझाया. उन्होंने कहा कि ‘मैंने अपने अधिकांश जीवन में तकरीबन 1980 के दशक से फिलिस्तीनी राज्य के लिए तर्क दिया है’. ‘अभी अगर कोई फिलिस्तीनी राज्य होता, तो उसे हमास द्वारा चलाया जाता, और वह इसे तालिबान जैसा राज्य बना देता, और यह ईरान का ग्राहक राज्य होता.’
रुश्दी ने सवाल किया कि क्या पश्चिम में प्रगतिशील आंदोलन वास्तव में मध्य पूर्व में, खास तौर से इजराइल के पास, तालिबान या अयातुल्ला के जैसा एक और शासन स्थापित करना चाहते हैं. इसके साथ ही रुश्दी ने परिसर में विरोध प्रदर्शनों का आकलन करते हुए कहा कि ‘सच्चाई यह है कि मुझे लगता है कि गाजा में निर्दोष लोगों की मौत की संख्या के कारण जो कुछ भी हो रहा है, उससे इस समय कोई भी इंसान व्यथित होगा.’
इसके आगे सलमान रुश्दी ने कहा कि वो चाहते हैं कि कुछ विरोध प्रदर्शनों में हमास का जिक्र किया जाए, क्योंकि यहीं से इसकी शुरुआत हुई और हमास एक आतंकवादी संगठन है. उन्होंने कहा कि युवा और प्रगतिशील छात्रों का राजनीति के लिए फासीवादी आतंकवादी समूह का समर्थन करना बहुत अजीब है.