जिले में अवैध धर्मांतरण को रोकने सर्व हिंदू समाज की बैठक,…- भारत संपर्क

बिलासपुर। प्रदेश और जिले में बढ़ते धर्मांतरण के मामलों और इसके खिलाफ कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं पर हो रही कार्रवाई को लेकर सर्व हिंदू समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक रविवार को सरस्वती शिशु मंदिर, तिलक नगर में आयोजित की गई। बैठक में अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाने और इसके खिलाफ आगामी रणनीति तय करने पर विचार-विमर्श हुआ।

बैठक में हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि राज्य में बड़े पैमाने पर मिशनरी संगठनों के इशारे पर अवैध धर्मांतरण किया जा रहा है। विशेष रूप से मस्तूरी, कोनी, कोटा, मुंगेली और तखतपुर क्षेत्र में धर्मांतरण के मामले बढ़ रहे हैं। आरोप है कि ये संगठन स्वास्थ्य, शिक्षा और सेवा के नाम पर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश कर भोले-भाले लोगों का ब्रेनवॉश कर रहे हैं और उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
कोनी में हुआ पुलिस अत्याचार का मामला उठा

बैठक में हाल ही में कोनी थाना क्षेत्र के रमतला में हुए घटनाक्रम का भी उल्लेख किया गया, जहां चंगाई सभा के नाम पर हो रहे कथित धर्मांतरण का विरोध कर रहे हिंदू कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया। हिंदू संगठनों का कहना है कि धर्मांतरण रोकने की बजाय प्रशासन उन्हीं कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई कर रहा है, जो इस सामाजिक समस्या के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
भाजपा सरकार पर भी उठे सवाल
बैठक में उपस्थित संगठनों ने भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर भी नाराजगी जताई। वक्ताओं ने कहा कि चुनाव से पहले धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा होता है, लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती।
बैठक में कहा गया कि अन्य राज्यों में धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब तक ऐसा कोई कानून नहीं बना। संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर धर्मांतरण को शुरुआती स्तर पर ही रोका जाए तो घर वापसी अभियानों की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

अवैध धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन तेज करने की चेतावनी
बैठक में निर्णय लिया गया कि जहां भी चंगाई सभा या प्रार्थना सभा के नाम पर धर्मांतरण हो रहा होगा, वहां कार्यकर्ता पहुंचकर इसका विरोध करेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें मुकदमों का सामना ही क्यों न करना पड़े।
बैठक में हिंदू समाज को जातिवाद जैसी कुरीतियों से मुक्त करने और संगठित होकर इस साजिश का मुकाबला करने पर भी जोर दिया गया। सभी कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर अवैध धर्मांतरण के खिलाफ जमीनी लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया और राज्य सरकार से इस पर तत्काल कड़ा कानून बनाने की मांग की।
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