तीसरी बार PM बनते ही जिस सम्मेलन में जा रहे मोदी, वहां सऊदी क्राउन प्रिंस ने आने से… – भारत संपर्क

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तीसरी बार PM बनते ही जिस सम्मेलन में जा रहे मोदी, वहां सऊदी क्राउन प्रिंस ने आने से… – भारत संपर्क
तीसरी बार PM बनते ही जिस सम्मेलन में जा रहे मोदी, वहां सऊदी क्राउन प्रिंस ने आने से क्यों किया इनकार?

पीएम नरेंद्र मोदी- क्राउन प्रिंस सलामान

इटली में आज से शुरू हो रहे G7 के 50वें समिट में शामिल होने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से आज रवाना होंगे. ये पीएम नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल संभालने के बाद पहला विदेशी दौरा है. लेकिन इसी समिट में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने जाने से इनकार कर दिया है.

सऊदी क्राउन प्रिंस जी-7 समिट में क्यों नहीं जा रहे हैं, इसका कारण भी बताया गया है. दरअसल, इस वक्त में सऊदी में हज यात्रा चल रही है. दुनिया भर से लाखों तीर्थयात्री सऊदी गए हुए हैं और सऊदी सरकार का पूरा ध्यान हज को सफल बनाने पर केंद्रित है. ऐसे में क्राउन प्रिंस ने अपनी प्रोग्राम टाल दिया है.

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सऊदी प्रेस एजेंसी ने बुधवार को बताया कि क्राउन प्रिंस सलमान ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी को एक संदेश भेजकर निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि हज के मौके पर अधिकारियों के काम की निगरानी करने की वजह से वह G 7 में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. इसके साथ ही प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दोनों देशों के अच्छे रिश्तों की सराहना की और G7 के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी.

सऊदी प्रिंस ने मांगी माफी

सऊदी सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “प्रिंस सलमान ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से माफी मांगी है क्योंकि वे हज कार्यक्रमों की वजह से इस समिट में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. हज 14 जून से शुरू होने वाला है, जिसमें 10 लाख से ज़्यादा लोग सऊदी अरब के मक्का आए हैं.” वहीं G 7 समिट इटली में 13 जून से 15 जून तक आयोजित होगा.

प्रधानमंत्री मोदी जा रहे इटली

नरेंद्र मोदी गुरुवार को 50वें G7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए गुरुवार को इटली के लिए रवाना हो रहे हैं. तीसरे कार्यकाल का कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा होने वाली है. मोदी एक हाई एंड डेलिगेशन के साथ 14 जून को G 7 के आउटरीच सत्र में हिस्सा लेंगे. यह सत्र AI, एनर्जी, अफ्रीका और भूमध्य सागर से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित रहेगा.

G 7 समिट

G 7 शिखर सम्मेलन इटली के अपुलिया रीजन में बोर्गो एग्नाज़िया के लक्जरी रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित होगा. इस बार के G7 समिट की रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास युद्ध जैसे मुद्दों पर केंद्रित रहने उम्मीद है. जी7 (Group Of Seven) में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं. ये सातों देश सैन्य और आर्थिक लिहाज से दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में शामिल हैं. इन 7 देशों के पास दुनिया की 10 फीसदी आबादी और 40 फीसद GDP है. G7 में शामिल 7 में 3 देशों के पास UN में वीटो पावर है. G 7 समिट में ये सभी देश दुनिया के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं और उनको सुलझाने के लिए रूपरेखा तैयार करते हैं.

भारत और यूरोपीय संघ जैसे देश और संगठन G 7 का हिस्सा नहीं हैं लेकिन वे इटली के निमंत्रण पर मेहमान के तौर शामिल हो रहे हैं. भारत के अलावा, इटली ने G 7 समिट के लिए अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, मिस्र, केन्या, मॉरिटानिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ट्यूनीशिया, तुर्की, यूएई और संयुक्त राष्ट्र सहित कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भी आमंत्रित किया है. अब तक हुए 49 G 7 सम्मेलनों में से भारत 10 में शामिल हो चुका है.

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