जेन जेड के प्रदर्शन से SC निराश, नेपाल के मुख्य न्यायाधीश बोले- इसकी वजह से अहम… – भारत संपर्क


नेपाल में हिंसक प्रदर्शन से देश को काफी नुकसान हुआ
सोशल मीडिया पर बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ नेपाल में जेन जेड के प्रदर्शन से देश को खासा नुकसान उठाना पड़ा है. प्रदर्शन के दौरान नेपाल की संसद समेत कई अहम कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया गया जिससे कई इमारतें तबाह भी हो गईं. अब नेपाल के सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि छात्रों के नेतृत्व वाले सरकार विरोधी प्रदर्शनों में देश के न्यायिक इतिहास का हिस्सा रहे कई अहम दस्तावेज हाल ही में नष्ट हो गए.
हालांकि, देश की सबसे बड़ी अदालत ने यह भी उम्मीद जताई कि यहां पर जल्द से जल्द फिर से कामकाज शुरू हो सकता है. देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस प्रकाशमान सिंह राउत ने गुरुवार को अपने एक बयान में कहा, “हम हर परिस्थिति में न्याय की राह पर चलने के लिए अडिग और दृढ़ हैं.”
जल्द से जल्द कामकाम शुरू होने की उम्मीदः राउत
स्थानीय समाचार पोर्टल माय रिपब्लिका ने आज शनिवार को मुख्य न्यायाधीश राउत के हवाले से कहा, “हम नागरिकों की न्याय की अपेक्षाओं को देखते हुए जल्द से जल्द अदालती कामकाज फिर से शुरू करने का संकल्प लेते हैं.” साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने देशभर में फैले जेन जेड आंदोलन के दौरान आगजनी, पथराव, तोड़फोड़ और लूटपाट की वजह से कई जगहों पर अदालती इमारतों को हुए नुकसान पर दुख भी जताया. उन्होंने यह कहा कि इस हिंसा में नेपाल के न्यायिक इतिहास से जुड़े अहम दस्तावेज भी काफी हद तक नष्ट हो गए.
देश में बड़े स्तर पर जारी भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ सोमवार को राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस की कार्रवाई के विरोध में सैकड़ों प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए. इन प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी इमारतों में घुसने की कोशिश की, कई जगहों पर आग भी लगा दिया.
नेपाल के हिंसक प्रदर्शन में 51 लोगों की मौत
भारी विरोध को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में घुसने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. युवाओं के विरोध को देखते हुए तत्कालीन ओली सरकार ने सोमवार रात ही सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटा लिया था.
नेपाल पुलिस की ओर से जारी नए आंकड़ों के अनुसार, सरकार के फैसलों के खिलाफ सोमवार को शुरू हुए युवाओं खासकर जेन जेड (1997 से 2012 के बीच जन्मे लोग) के नेतृत्व वाले प्रदर्शनों में एक भारतीय नागरिक समेत कम से कम 51 लोगों की मौत हो गई.