DMF में घोटालेबाज, माया की काम नहीं आए, ओम साईं राम, हुई…- भारत संपर्क

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DMF में घोटालेबाज, माया की काम नहीं आए, ओम साईं राम, हुई गिरफ्तार, पूर्व कलेक्टर, पूर्व जिला पंचायत सीईओ, पूर्व जनपद सीईओ व पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी ED के रडार मे….

कोरबा/रायपुर। छत्तीसगढ़ जिला कोरबा के DMF घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने माया वारियर को गिरफ्तार कर लिया है। जिला कोरबा में माया वारियर आदिवासी विकास विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर पद पर रह चुकी हैं। ED ने उन्हें कोर्ट में पेश किया और 23 अक्टूबर तक रिमांड पर लिया है। DMF घोटाले में यह पहली गिरफ्तारी है। ED ने मंगलवार को माया वारियर को पूछताछ के लिए बुलाया था। बताया जा रहा है कि जेल में बंद कोरबा की पूर्व कलेक्टर रानू साहू की दो अधिकारीयों में से सबसे ज्यादा करीबी रहे। एक की गिरफ्तारी हुई है। दूसरा पूर्व कलेक्टर रानू साहू की सबसे करीबी अधिकारी पूर्व जिला पंचायत सीईओ कोरबा ED के रडार में चल रहा है। वहीं इसी मामले में ED निलंबित IAS रानू साहू से भी प्रोडक्शन वारंट पर हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती थी, लेकिन बताया गया कि तबीयत खराब होने के चलते उन्हें कोर्ट में कोर्ट में पेश नहीं किया जा सकता है। अब इस मामले में आज (गुरुवार) को सुनवाई होगी। वहीं सूत्रों की माने तो पूर्व दो जनपद पंचायत सीईओ व पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी ED के रडार मे भी चल रहे हैं। जबकि एक और सबसे बड़े घोटालेबाज पूर्व कलेक्टर की शिकायत पूर्व गृह मंत्री व भाजपा नेता ननकी राम कंवर ने अपनी शिकायत में करोड़ों रुपए की घोटाले का आरोप लगाते हुए लिखित में शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया है। वहीं जानकारों की माने तो इस पूर्व कलेक्टर की शिकायत प्रधानमंत्री सहित केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई तक बहुत ही जल्द हजारों पन्ने की शिकायत सूचना के अधिकार से प्राप्त हुए दस्तावेज को लेकर शिकायत होने की पूरी संभावना बनी हुई है। वहीं EOW ने करीब 9 महीने पहले दो और FIR दर्ज की है। यह दोनों मामले DMF घोटाले और कस्टम मिलिंग में हुई करोड़ों की गड़बड़ी से जुड़े हैं। आरोपियों में निलंबित IAS रानू साहू का नाम भी है। यह दोनों मामले DMF घोटाले और कस्टम मिलिंग में हुई करोड़ों की गड़बड़ी से जुड़े हैं। आरोपियों में निलंबित IAS रानू साहू का नाम भी है।रानू साहू जून 2021 से जून 2022 तक कोरबा में कलेक्टर थीं। इसके बाद फरवरी 2023 तक वह रायगढ़ की भी कलेक्टर रहीं। इस दौरान माया वारियर भी कोरबा में पदस्थ थीं। पूर्व कलेक्टर रानू साहू से करीबी संबंध होने के कारण कोयला घोटाले को लेकर माया वारियर के दफ्तर और घर में ED ने छापा मारा था। जबकि DMF की बड़ी राशि आदिवासी विकास विभाग को प्रदान की गई थी, जिसमें घोटाले का आरोप है। इसका पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद ED ने माया वारियर की गिरफ्तारी की है। माया वॉरियर कोरबा में पदस्थ रहे तब डीएफ से संबंधित कार्यों के स्वीकृति और कमीशन संबंधित सारे कार्यों की कर्ताधर्ता माया वॉरियर रही है क्योंकि वह रानू साहू की खास रही है। जबकि दूसरा सबसे करीबी डीएमएफ के सचिव रहे पूर्व जिला पंचायत सीईओ की सामात आना तय है। क्योंकि माया वारियर की गिरफ्तारी से कोरबा जिले में पदस्थ रहे कई अधिकारियों के रातों की नींद हराम कर दिया है। वहीं ED के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि अभी इन्वेस्टिगेशन की जा रही है। अभी डीएमफ को लेकर जो लॉन्ड्रिंग की गई है उस मामले जांच की गई है। निलंबित IAS रानू साहू कोरबा और रायगढ़ दोनों जगह कलेक्टर रहीं हैं। दोनों ही कोल रिच एरिया हैं। रानू साहू वर्तमान में वह ACB की ज्यूडिशयल रिमांड पर हैं। हमने एप्लिकेशन पेश किया था, जिससे आगे की कार्रवाई कर सकें। लेकिन जेल से आज ऐसी खबर आई है कि रानू साहू को हायपरटेंशन की प्रॉब्लम हो गई है, ब्लड प्रेशर बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि, DMF की जांच में माया वारियर जो की इसी ऑफिस से रिलेटेड रही हैं उनको भी मंगलवार को अरेस्ट किया था। बुधवार को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया है। हमने कस्टोडियल रिमांड की मांग की थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया है।

क्या है DMF घोटाला

प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। इस केस में यह तथ्य निकाल कर सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमित की गई है। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया।

40% सरकारी अफसरों को कमीशन मिला

जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में इसके लिए दिया गया है। प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने ली है। ED ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि IAS अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। वही सूत्रों की माने तो पूर्व कलेक्टर रानू साहू ने अपने पद और पहुंच के चलते कोरबा जिले में दो अधिकारियों को राज्य शासन से आदेश करवा कर जिले में पदस्थ करवाई थी। जिसमें एक पूर्व जिला पंचायत सीईओ साहब भी हैं।

कोल स्कैम में भी ED को जेल में पूछताछ की मिली अनुमति

वहीं कोयला घोटाले मामले में ED को जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ की अनुमति मिल गई है। 23 अक्टूबर तक ED जेल में जाकर सूर्यकांत, रजनीकांत, निखिल और रोशन कुमार सिंह से पूछताछ करेगी। सभी आरोपी रायपुर जेल में बंद हैं।

कोयला और कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में गिरफ्तार आरोपियों का नार्को टेस्ट पर अब 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान EOW के तर्क पर बचाव पक्ष ने अपनी आपत्ति कराई दर्ज। 26 अक्टूबर को कोर्ट इस पर फैसला सुनाएगा।

EOW ने कोल घोटाले के सूर्यकांत तिवारी, रजनीकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर समेत कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी रोशन चंद्राकर का नार्को, पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाने का कोर्ट में आवेदन लगाया है।

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