दिल्ली विधानसभा में रखा गया स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण बिल 2025, अभिभावक संघ…

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दिल्ली विधानसभा में रखा गया स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण बिल 2025, अभिभावक संघ…
दिल्ली विधानसभा में रखा गया स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण बिल 2025, अभिभावक संघ विरोध में मंगलवार को करेगा प्रदर्शन

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने विधानसभा में रखा बिल

दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार की तरफ से सोमवार को स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण बिल 2025 विधानसभा में प्रस्तुत किया गया. दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इसे विधानसभा के पटल पर रखा. इस बिल को लेकर दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि इसके कानून बन जाने के बाद प्राइवेट स्कूल मनमाने तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. दिल्ली सरकार का कहना है कि नया स्कूल फीस एक्ट अभिभावकों और बच्चों के पक्ष में हैं. वहीं इसके विरोध में मंगलवार को अभिभावक संघ ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.

आइए जानते हैं कि स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण बिल 2025 को विधानसभा में रखने के दौरान शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने क्या कहा? साथ ही जानेंगे कि आखिर क्यों अभिभावक संघ इसके विरोध में प्रदर्शन करने जा रहा है.

शिक्षा कोई बेचने वाली चीज नहीं है- आशीष सूद

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण बिल 2025 को विधानसभा के पटल पर रखते हुए कहा कि शिक्षा काेई बेचने वाली चीज नहीं है. उन्होंने कहा किहर साल प्राइवेट स्कूलों की तरफ से फीस बढ़ा कर अभिभावकों पर बोझ लादने की परंपरा बनाई गई है, ये दिन उसको खत्म करने का है. सूद ने कहा किशिक्षा के बाजारीकरण को रोकने के लिए ये बिल लाने का निर्णय लिया गया है.

विधानसभा में अपने संबाेधन में शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा किभारत एक वेलफेयर स्टेट है.शिक्षा को बेचने वाले माफियाओं के खिलाफ हम बिल लेकर आ रहे हैं. इस दौरान पूववर्ती केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मौजूदा समय में बच्चों की फीस के लिए मां बाप कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं, इस दौरान शिक्षा क्रांति के जनक कहां हैं. सूद ने कहा कि वेहर साल 75 स्कूलों की इंस्पेक्शन कराते रहे और फीस बढ़ती रही. वे गाल बजाते रहे और फीस बढ़ती रही.

उन्होंने कहा कि नए बिल में प्रावधान किया गया किस्कूल 31 मार्च तक जो फीस लिखकर दें देंगे उतनी ही फीस लेने का उनको अधिकार होगा. ये बिल सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए होगा, फिर चाहें वो माइनारिटी स्टेट्स के ही क्यों न हों. उन्होंने कहा किस्टूडेंट का नाम काटने या उसका उत्पीड़न करने पर 50 हजार का जुर्माना होगा.बार-बार ऐसा करने पर स्कूल की मान्यता रद्द की सकती है.

अभिभावक संघ क्याें कर रहा विराेध

वहीं स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण बिल 2025 के खिलाफ अभिभावक संघ ऑल दिल्ली पैरेंट्स ने प्रदर्शन का ऐलान किया है. इसको लेकर संघ की तरफ से अभिभावकों को मंगलवार 12 बजे विधानसभा के बाहर जुटने को कहा गया है. संघ की तरफ से अधिवक्ता शिखा बग्गा ने बयान जारी कर कहा है कि ये बिल अभिभावक विराेधी बिल है, जो अभिभावकों की आवाज को दबाएगा. बिल में शिकायत के लिए 15 फीसदी समर्थन का प्रावधान किया गया है, जो व्यवहारिक नहीं है. उन्होंने कहा किनया बिल प्राइवेट स्कूल माफिया की सांठ-गांठ से बनाया गया है. संघ ने बिल के विरोध के कुछ कारण बताएं हैं.

  1. बिल स्कूलों को नई श्रेणियों के नाम पर उगाही करने की शक्ति देता है.
  2. बिल पहले की अवैध, गैर-मंजूर फीस को वैध करता है.
  3. स्कूल खातों की अनिवार्य ऑडिट को हटाता है.
  4. फीस विवादों के लिए सिविल कोर्ट में जाने का रास्ता बंद करता है.
  5. DSEAR नियमों को मजबूत करने के बजाय कमजोर करता है.

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