मुआवजा, पुनर्वास और नौकरी के प्रकरण सुलझाने में एसईसीएल…- भारत संपर्क
मुआवजा, पुनर्वास और नौकरी के प्रकरण सुलझाने में एसईसीएल नाकाम,खदानों का कोयला उत्पादन हो रहा है प्रभावित
कोरबा। कोयला उत्पादन में एसईसीएल की खदानों को पिछडऩा पड़ गया है। इनके पिछडऩे का मुख्य कारण खदानों का विस्तार समय पर नहीं होना है। मुआवजा, पुनर्वास और नौकरी के प्रकरण लंबित होने से खदान से प्रभावित होने वाले लोग अपनी जमीन प्रबंधन को देने के लिए तैयार नहीं हैं। इससे स्थिति खराब हो रही है।
कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी एसईसीएल नेगेटिव ग्रोथ से पीछा नहीं छुड़ा पा रही है। अक्टूबर महीने में कोयला उत्पादन में 11.1 फीसदी नेगेटिव ग्रोथ दर्ज की गई है। इससे कोयला कंपनी की चिंता बढ़ गई है। यह नेगेटिव ग्रोथ पिछले साल इसी अवधि की तुलना में भी ज्यादा है। इसका सबसे बड़ा कारण मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा और दीपका का साथ नहीं देना है। दोनों प्रोजेक्ट से कोयला खनन का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसे स्थानीय प्रबंधन पूरा नहीं कर पा रहा है। इसका असर कंपनी के प्रदर्शन पर देखा जा रहा है।चालू वित्तीय वर्ष के अक्टूबर महीने में एसईसीएल ने पूरी ताकत झोंकने के बाद 12.4 मिलियन टन कोयला खनन किया है। यह खनन अक्टूबर 2023 में किए गए खनन से 1.6 मिलियन टन कम है। पिछले वर्ष इसी माह में कंपनी ने 14 मिलियन टन कोयला खनन किया था। इस तरह कंपनी के उत्पादन में 11.1 फीसदी की नेगेटिव ग्रोथ दर्ज की गई है।कोयला खनन में यह गिरावट पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा देखी जा रही है। चालू वित्तीय वर्ष में कंपनी ने अप्रैल से अक्टूबर तक यानि वित्तीय वर्ष के सात महीने में 43.9 मिलियन टन कोयला खनन किया है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में कंपनी ने अप्रैल से अक्टूबर के बीच 91.7 मिलियन टन खनन किया था। यहां भी 8.6 फीसदी नेगेटिव ग्रोथ दर्ज की गई है। यह नेगेटिव ग्रोथ न सिर्फ उत्पादन में बल्कि कोयला परिवहन में भी दर्ज किया जा रहा है। इससे कंपनी की चिंता बढ़ गई है। अक्टूबर के महीने में कोयला लदान में पिछले साल अक्टूबर की तुलना में 13.8 फीसदी का नेगेटिव ग्रोथ दर्ज किया गया था।