आंदोलन से एसईसीएल को ही 1 करोड़ 60 लाख रुपये की आर्थिक…- भारत संपर्क
आंदोलन से एसईसीएल को ही 1 करोड़ 60 लाख रुपये की आर्थिक क्षति, ग्रामीणों ने किया था 10 घंटे खदानबंदी आंदोलन
कोरबा। कुसमुंडा खदान में घुसकर 3 दिन पूर्व ग्रामीणों ने काम बंद करा दिया था। 250 टन डंपर पार्किंग के पास मार्ग अवरूद्ध कर कामबंद कराया गया था। इससे कोयला कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। प्रबंधन का कहना है कि खदान में 10 घंटे आंदोलन से 27 हजार 675 टन कम कोयला उत्पादन हुआ है। जिससे लगभग 1 करोड़ 60 लाख रुपये की आर्थिक क्षति कंपनी को उठानी पड़ी है। इस मामले में 3 महिला सहित 4 की गिरफ्तारी भी की गई है। देश की कोयला आवश्यकताओं को पूरा करने में जुटी देश की अग्रणी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी एसईसीएल वर्तमान में प्रदर्शनकारियों से जूझ रही है। आए दिन एसईसीएल के विभिन्न कार्यालयों में भू-अधिग्रहण के बदले रोजगार की मांग के लिए प्रदर्शन किए जा रहे हैं। कंपनी का कहना है की सरकार की कंपनी में नियमानुसार काम किया जा रहा है। किसी भी दबाव में गलत रोजगार नहीं दिया जा सकता है। ऐसे ही एक प्रकरण में 5 जून को प्रात: 6 बजे से लंबोदर श्याम, गोमती केवट व अन्य 15 – 20 महिलाओं के साथ कुसमुंडा खदान में 250 टन डंपर पार्किंग के पास बैठे थे।मार्ग अवरूद्ध करते हुए कार्य बंद करा दिया गया। कंपनी के कर्मचारी व राज्य शासन के अधिकारियों के काफी समझाने के बाद भी कार्य अवरुद्ध करने आए महिला और पुरुष प्रदर्शन स्थल से हटने को तैयार नहीं हुए।प्रदर्शनकारी अपनी रोजगार की मांग को लेकर पार्किंग के पास बैठे रहे। कंपनी के उत्पादन एवं परिचालन को प्रभावित किया। शाम 4:30 तक उत्पादन तथा परिचालन को अवैध रूप से रोके रखने पर प्रशासन ने प्रदर्शनकारी के विरुद्ध विधिक कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार किया। इसके पश्चात प्रबंधन के द्वारा प्रदर्शनकारियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इसके पूर्व में भी लंबोदर श्याम के द्वारा इस तरह का कृत्य किया गया है। आए दिन इस तरह के प्रदर्शन की गतिविधियों से राष्ट्र को काफी क्षति उठानी पड़ती है। प्रबंधन का कहना है कि अवैध प्रदर्शन के फलस्वरूप कुसमुंडा खदान में कोयला का उत्पादन 27675 टन कम हुआ, तथा कंपनी को लगभग एक करोड़ साठ लाख रुपये की आर्थिक क्षति उठानी पड़ी। इससे राज्य शासन तथा केंद्र की सरकार को लगभग क्रमश: 75 लाख तथा 1 करोड़ 20 लाख की आर्थिक क्षति हुई।