एसईसीएल का घट रहा मैन पावर बढ़ रहा टारगेट, खदानों में बढ़ती जा…- भारत संपर्क
एसईसीएल का घट रहा मैन पावर बढ़ रहा टारगेट, खदानों में बढ़ती जा रही ठेका कामगारों की तादाद
कोरबा। एक तरफ कोल इंडिया और उसकी सहयोगी कंपनियों से नियमित कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं तो दूसरी ओर इन कंपनियों के कोयला खनन में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में एसईसीएल ने 187 मिलियन टन कोयला खनन किया। कंपनी अबकी बार 200 के लक्ष्य से दूर रह गई। जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में एसईसीएल ने 167 मिलियन टन कोयला खनन किया था, इसी अवधि में कंपनी के मैनपावर में 2573 मजदूर सेवानिवृत्त हुए थे। कोयला उत्पादन में इस वृद्धि का सबसे बड़ा कारण समय के साथ कोयला खदानों में बढ़ती ठेका कंपनियों की हिस्सेदारी है।कोयला खदानों में ठेका मजदूरों की संख्या रोजाना बढ़ रही है। जैसे-जैसे नियमित मजदूर सेवानिवृत्त हो रहे हैं उससे कहीं ज्यादा रफ्तार से ठेका मजदूरों की नियुक्ति निजी कंपनियां कर रही हैं जो दो-तीन साल से लेकर 10 साल तक के लिए कोयला खनन करने खदानों में आ रही हैं।कोयला उत्पादन के क्षेत्र में कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी एसईसीएल कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है। सेवानिवृत्त कर्मियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस कारण कंपनी में पद खाली हो रहे हैं लेकिन नई भर्तियां नहीं हो रही है। इसका असर कंपनी की सेहत पर पड़ रहा है और इसमें सुधार के लिए कंपनी निजी ठेका कंपनियों का सहारा ले रही है। इससे ठेका कंपनियों पर उत्पादन की निर्भरता बढ़ती जा रही है।जिले में स्थित कोल इंडिया की सबसे बड़ी कोयला खदान गेवरा, दीपका और कुसमुंडा भी इससे अछूता नहीं है। मैनपावर की कमी की पूर्ति के लिए कंपनी निजी कंपनियों की मदद ले रही है। दिन-प्रतिदिन कोयला खदानों में निजी कंपनियों की संख्या बढ़ती जा रही है और इसी के बूते कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी एसईसीएल अपने उत्पादन लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। वर्तमान में कोयला खदानों में ठेका कंपनियों का दायरा लगभग 85 फीसदी तक बढ़ गया है। 15 प्रतिशत कोयला खनन ही नियमित कर्मचारी कर रहे हैं। हाल ही में कोल इंडिया की ओर से सहयोगी कंपनियों के मैनपावर को लेकर डाटा जारी किये गए हैं। इसमें बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में एसईसीएल की कोयला खदानों में काम करने वाले 2304 मजदूर सेवानिवृत्त हुए। इससे कंपनी का मैनपावर घटकर 41832 रह गया। इनके स्थान पर कितनी भर्तियां हुईं यह तो कंपनी की ओर से नहीं बताया गया है लेकिन कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर जो आंकड़े साझा किये हैं उससे पता चलता है कि रोजगार के 400 प्रकरण को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की ओर से स्वीकृति दी गई। उक्त सभी प्रकरण अनुकंपा नौकरी से संबंधित थे। इसी अवधि में कंपनी ने जमीन अधिग्रहण के बदले 707 लोगों को नौकरी के लिए स्वीकृति दी।