एसईसीएल की मेगा परियोजना कुसमुंडा खदान चोरों के निशाने…- भारत संपर्क
एसईसीएल की मेगा परियोजना कुसमुंडा खदान चोरों के निशाने पर,बोरियों में कई टन रोज हो रही कोयला चोरी
कोरबा। एसईसीएल की मेगा परियोजना कुसमुंडा में जमकर कोयला चोरी हो रही है। रोजाना सुबह पैदल सिर पर, सायकल और बाइक इत्यादि पर कोयले की बोरी रखकर चोरी की जा रही है। सर्वमंगला क्षेत्र अंतर्गत कुसमुंडा खदान से बोरियो में दर्जनों लोगों द्वारा कोयले की चोरी की जा रही है। हालांकि इसे चोरी कहना उचित नही होगा क्योंकि दिन के उजाले में सबके सामने खुलकर खदान से कोयला निकालना और किसी के द्वारा कुछ ना कहना चोरी नही हो सकती। ये तो अनुमति है की ले जाओ आपका ही कोयला है और आते रहना । हर दिन करीब दर्जन भर से अधिक लोग कुसमुंडा खदान अंदर सबसे व्यस्तम मार्ग सतर्कता चौक के पास कोल स्टॉक से कोयले को बोरियो में भरकर पैदल, सायकल, स्कूटी अथवा मोटर सायकल पर लादकर लगभग 2 किलोमीटर सफर तय कर सर्वमंगला चौक होते हुए कोरबा को ओर निकल जाते हैं। इस बीच सतर्कता चौक से 4 नम्बर बैरियर जहां त्रिपुरा रायफल के जवानों की बड़ी मुस्तैदी से तैनाती है, ठीक उसी के बाजू से ड्यूटी आने जाने वाले दुपहिया मार्ग से ये सभी बड़ी आसानी से कोयले से भरी बोरियो को लादकर निकलते हैं। इसके बाद नहर पुल से होते हुए रेल फाटक पार कर सवर्मंगला चौक से होते हुए कोरबा की ओर निकल पड़ते है। 10 से 15 लोगों का समूह सुबह लगभग 5 बजे से 8 बजे तक ये काम करता है। बाकी उसके बाद एक दो लोग ही दिनभर धीरे धीरे इस तरह से कोयले को खदान से निकालले जाने का काम करते रहते है। ताज्जुब की बात है इन्हे ऐसा करने से रोकने वाला भी कोई नही है, ना ही खदान के अधिकारी, सुरक्षा कर्मी और ना ही सर्वमंगला चौक पर खड़ी पुलिस। निश्चित रूप से कुसमुंडा खदान के अधिकारियों की सोच है कि समंदर से एक लौटा पानी निकाल लेने से कोई फर्क नही पडऩे वाला और बाहर इसी लोटे के पानी से कई लोगों का जीवन चल रहा है, इसलिए इस तरह की चोरियां तब तक निरंतर चलती रहती है। आपको बता दें ये केवल एक दिशा की तस्वीरे है, इसके अलावा कुसमुंडा खदान के चारों दिशाओं से इसी तरह से कोयले निकाले जाते हैं जिसे आसपास के संचालित लाल ईंट भ_ों अथवा होटल व ढाबों में बेचा जाता हैं।