मदरसा में पढ़ने वाले हिंदू छात्रों को सामान्य स्कूल में भेजें… NCPCR प्रम… – भारत संपर्क

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मदरसा में पढ़ने वाले हिंदू छात्रों को सामान्य स्कूल में भेजें… NCPCR प्रम… – भारत संपर्क

प्रियंक कानूनगो.Image Credit source: Facebook
मध्य प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले हिंदू छात्रों को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने राज्य सरकार को सुझाव दिया है. उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार को सुझाव दिया है कि वे हिंदू छात्रों को सामान्य स्कूल में भेजें. ये मदरसे शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत नहीं आते हैं. शुक्रवार को भोपाल में एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश के अधिकारियों के साथ बाल अधिकारों पर अंतरविभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक के बाद प्रियंक कानूनगों ने मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को लेकर ये बातें कहीं.
प्रियंक कानूनगो ने कहा कि मध्य प्रदेश में कुल 1,755 पंजीकृत मदरसे हैं. इनमें 9,417 हिंदू बच्चे पढ़ रहे हैं. इन मदरसों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत अनिवार्य बुनियादी ढांचे का अभाव है. उन्होंने यह भी कहा कि गैर पंजीकृत मदरसों में जो मुस्लिम बच्चें पढ़ रहे हैं, उन्हें भी सामान्य स्कूलों में भेजा जाना चाहिए.
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कानूनगो ने कहा कि जिस अधिनियम के तहत मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड का गठन हुआ था, उसमें मदरसों की परिभाषा बताते हुए कहा गया था कि मदरसों में इस्लामी धार्मिक शिक्षा दी जानी चाहिए, जबकि शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 1 के तहत मदरसों को शिक्षा के अधिकार को अधिनियम के दायरे से बाहर रखा गया है.
मदरसा शिक्षकों के पास नहीं हैं बी.एड. की डिग्री
एनसीपीसीआर प्रमुख का दावा है कि एनसीपीसीआर के पास जो जानकारियां हैं, उनके अनुसार इन मदरसों के शिक्षकों की न तो बी.एड. की डिग्री है और न ही मदरसा के शिक्षकों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा ही पास की हुई है. साथ ही उन्होंने कहा कि मदरसों का बुनियादी ढांचा भी शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुरूप नहीं है.
कानूनगो ने हिंदू बच्चों को मदरसों में भेजे जाने का विरोध करते हुए कहा कि मदरसों की सुरक्षा व्यवस्था सही नही हैं. वह मध्य प्रदेश सरकार से मदरसों की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने का अनुरोध किया.
21 बच्चों को किया रेस्क्यू

बाल श्रम निरोधक माह के अन्तर्गत @NCPCR_ की टीम ने आज मध्यप्रदेश के रायसेन ज़िले में मंडीदीप क्षैत्र में बिस्किट बनाने वाली एक फैक्ट्री L M बैकर्स में बाल श्रमिक के रूप में नियोजित 21 बच्चों को रेस्क्यू किया यहाँ पारले G बिस्किट बनाये जा रहे थे।
कुल तीन संस्थानों से तीन दर्जन pic.twitter.com/z9f4TQiyBo
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (मोदी का परिवार) (@KanoongoPriyank) June 14, 2024

कानूनगो ने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत सरकार स्कूल बनाती है और मदरसा बोर्ड स्कूलों का संचालन वास्तव में गरीब बच्चों को उनके शिक्षा के अधिकार से वंचित करने जैसा है.
शुक्रवार को ही बाल श्रम निरोधक माह के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने आज मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में मंडीदीप क्षैत्र में बिस्किट बनाने वाली एक फैक्ट्री बैकर्स में बाल श्रमिक के रूप में नियोजित 21 बच्चों को रेस्क्यू किया. कुल तीन संस्थानों से तीन दर्जन बच्चे रेस्क्यू हुए हैं, जिनमें प्रदेश के छिंदवाड़ा व अन्य राज्यों के आदिवासी बच्चे होने की जानकारी मिली थी.

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