Share Market Fall: स्टॉक मार्केट में हाहाकार, इन 5 वजहों से…- भारत संपर्क
शेयर बाजार में मचा है हाहाकार
शेयर बाजार में ये गिरावट का दौर है, बीते कई दिनों से स्टॉक मार्केट को टूटते हुए देखा जा सकता है. बीएसई सेंसेक्स तो 700 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ बंद हुआ, तो एनएसई निफ्टी में भी करीब-करीब 250 अंक की टूट देखी गई. आखिर क्या वजह है कि शेयर बाजार गिर रहे हैं और आज खासकर बाजार क्यों गिरा है? चलिए समझते हैं…
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 इंडेक्स मंगलवार को 238.25 अंक टूटकर 21,817.45 पॉइंट पर बंद हुआ. जबकि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयर्स वाला सेंसेक्स 736.37 अंक टूटकर 72,012.05 पॉइंट्स पर बंद हुआ है. दिन में ट्रेडिंग के दौरान निफ्टी ने 21,978.30 पॉइंट और सेंसेक्स ने 72,490.09 अंक का हाई लेवल टच किया.
इन 5 वजहों से गिरा शेयर बाजार
शेयर बाजार में यूं तो कई दिन से लगातार गिरावट देखी जा रही है. लेकिन मंगलवार को दिखी नरमी की 5 मुख्य वजहें हैं…
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- जापान ने अपना 17 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. वहां के सेंट्रल बैंक ‘बैंक ऑफ जापान’ ने निगेटिव ब्याज दर के रुख को बदल दिया है. इससे पूरी दुनिया के ही बाजारों में स्थिति खराब है, लेकिन एशियाई बाजारों पर इसका काफी इंपेक्ट पड़ा है. इसकी वजह से इन बाजारों मे बिकवाली का दबाव देखा जा सकता है. जापान की मोनेटरी पॉलिसी में शॉर्ट-टर्म न्यूनतम ब्याज दर को अभी तक -0.10 प्रतिशत पर रखा जाता था, जिसे अब बढ़ाकर 0 से 0.10 प्रतिशत करने का फैसला किया गया है.
- इस बीच एक और बड़ी वजह से मार्केट पर दबाव देखा जा रहा है. वह है अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक का होना. बाजार को फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद थी, लेकिन अमेरिका में पिछले हफ्ते आए महंगाई के आंकड़ों ने इस स्थिति को बदल दिया है. ऐसे में अब बाजार अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली मौद्रिक नीति का बेसब्री से इंतजार कर रहा है.
- मार्च का महीना इनकम टैक्स प्लानिंग का महीना होता है. इस महीने में अधिकतर इंवेस्टर्स 31 मार्च से पहले शेयर्स पर अपनी प्रॉफिट बुकिंग करके उसे अपने लॉस से सेट ऑफ करते हैं. इसका असर ये होता है कि बाजार में बिकवाली बढ़ती है. बाद में यही शेयर होल्डर्स अपने सभी शेयर्स को अप्रैल के महीने में दोबारा खरीद लेते हैं. इसलिए भी मार्केट में गिरावट का दौर है.
- बैंक ऑफ जापान ने ब्याज दरों के निगेटिव रुख को बदला है, इसका असर जापान के निक्केई के साथ-साथ हांगकांग और शंघाई जैसे बड़े एशियाई बाजारों पर भी पड़ा है. इसका असर घरेलू बाजार पर भी दिख रहा है.
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