शिव सेना ने की सूरजपुर की घटना में शामिल अपराधियों को फांसी…- भारत संपर्क
शिव सेना ने की सूरजपुर की घटना में शामिल अपराधियों को फांसी देने की मांग, कलेक्टर को सीएम के नाम सौंपा गया ज्ञापन
कोरबा। छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ रहे अपराधिक घटनाओं में अपराधियों के हौसले इतने बुलन्द हो गए हैं कि सूरजपुर में कानून के रक्षक सिपाही के परिवार में उनकी पत्नी और मासूम बच्ची को चाकू घोपकर मार दिया गया। घटना की वीभत्सा इसी से लगाई जा सकती है कि अपराधी ने मासूम बच्ची पर भी 20 बार वार किया। अतः ऐसे अपराध दोबारा ना हो और अपराधियों में शासन प्रशासन का भय व्याप्त हो इसके लिए शिवसेना ने अपराधियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है। इस लेकर कलेक्टर को शिव सेना ने ज्ञापन सौंपा है।
मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा है कि कुछ दिनों पूर्व भानुप्रतापपुर में आरक्षक के उपर यौन शोषण की शिकायत, कवर्धा जिले में युवक की हत्या, कोरबा जिले में गौ हत्या कर मांस का सार्वजनिक भोज की घटना सामने आई है। इस प्रकार से यदि अपराधियों को अपराध करने के पश्चात् सख्त कार्यवाही का डर नहीं होगा तो निसंदेह अपराध बढ़ते चले जायेंगे।सुरजपुर की घटना ने प्रदेश ही नहीं पूरे देश झकझोर दिया है। जहाँ शासन द्वारा गौ संरक्षण हेतु गाय को राजकीय पशु का दर्जा दिये जाने की सराहनीय कदम बढ़ाया जा रहा है, तो कोरबा जिले में गौ हत्या कर गौ मांस का भोज कराया जा रहा। वहीं प्रदेश के कई स्थानों में शासकीय भूमि पर चर्च बनाकर लोगों को धर्मांतरण हेतु प्रेरित किया जा है। जब छोटे अपराधिक कार्यों को संरक्षण प्रदान किया जाता है, तो यह अपराधी बुलंद हौसले के सूरजपुर जिले की घटना को अंजाम देता है। अनुरोध करते हुए कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में जितने भी थाने हैं तत्काल अवैधानिक गतिविधियों में संलग्न लोगों की सूची मंगाकर उन पर तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिए। बड़े अपराधिक घटनाओं में संलग्न आरापियों की संपत्ति की जांच कर उसे राजसात की जानी चाहिए। साथ ही सूरजपुर जिले में आरक्षक के परिवार के साथ हुए अन्यायपूर्ण कार्यवाही के लिए दोषी को भी सजा दी जाये। ज्ञापन सौंपने वालों में शिवसेना प्रदेश उपाध्यक्ष रवि मैजरवार, संभागीय संगठन मंत्री रमेश श्रीवास, जिला अध्यक्ष रामकुमार साहू,जिला महासचिव रवि श्रीवास, दर्री जोन अध्यक्ष राधे विश्वकर्मा , बालको जॉन अध्यक्ष शेर बहादुर ई रिक्शा सेना जिला अध्यक्ष राजा केसरवानी उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह आदि उपस्थित थे।