शिवपुरी: 3 दिन तक करता रहा खून की उल्टियां, डॉक्टर्स ने नहीं कराया टेस्ट…… – भारत संपर्क
अस्पतला में जान गवांने वाला मासूम
शिवपुरी शहर में एक बारह साल के बच्चे की डॉक्टरों की लापरवाही के चलते जान चली गई. उनके परिवार वालों ने ऐसा आरोप लगाया है. परिवार वालों का कहना है उन्होंने अपने बेटे आराध्य को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उसकी तबीयत बेहद खराब हो गई लेकिन उसके टेस्ट कराने की बजाय डॉक्टरों ने बच्चे को दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया.
अभय त्रिपाठी नाम का व्यक्ति अपने 12 साल के बेटे आराध्य को सोमवार की सुबह इलाज के लिए दिल्ली ले जा रहा था, तभी रास्ते में उसकी मौत हो गई. अभय ने जिला अस्पताल के डाक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. जानकारी के मुताबिक कृष्ण पुरम कॉलोनी निवासी आराध्य की 20 अक्टूबर को तबीयत खराब हुई थी. इस पर अभय ने अपने बेटे का प्राइवेट इलाज करवाया लेकिन इसके बाबजूद उसकी हालत बिगड़ती चली गई और उसे खून की उल्टियां होने लगीं.
29 अक्टूबर को आया था डेंगू पॉजिटिव
इसके बाद अभय ने 26 अक्टूबर को बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां बच्चा 27 अक्टूबर तक भर्ती रहा लेकिन डॉक्टरों ने बच्चे की तबीयत लगातार बिगड़ने के बावजूद उसका डेंगू या किसी अन्य प्रकार का कोई टेस्ट कराने की जहमत नहीं उठाई. 27 अक्टूबर की रात आराध्य को गंभीर हालत में ग्वालियर रेफर कर दिया गया. ग्वालियर में 27-28 अक्टूबर के बीच रात बच्चे को भर्ती कराया गया. 28 अक्टूबर को बच्चे का डेंगू टेस्ट किया गया. 29 अक्टूबर को बच्चे का डेंगू पॉजिटिव आने पर डॉक्टरों ने वहां भी उसका इलाज जारी रखा, 3 नवंबर को बच्चे को दिल्ली एम्स हॉस्पिटल रेफर किया गया.
डॉक्टरों ने आरोपों को बताया गलत
इस पूरे मामले में डॉक्टर बीएल यादव सिविल सर्जन शिवपुरी का कहना है कि बच्चा हमारे यहां 26 तारीख को रात 11 बजे उल्टी, दस्त की शिकायत के साथ भर्ती हुआ था. 27 की सुबह उसे जब 101 डिग्री बुखार की शिकायत आई तो हमने उसकी जांच करवाई, जिस पर उसके न्यूट्रोफिल कम आने पर डॉक्टरों को इंफेक्शन की आशंका हुई और बच्चे को रात में 8:40 पर रेफर कर दिया गया. हम पर लगाए गए आरोप निराधार है कि हमने कोई जांच नहीं कराई.