गैंगस्टर एक्ट मामले में पूर्व MLA कमलेश पाठक को झटका, SC ने खारिज की जमानत … – भारत संपर्क

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गैंगस्टर एक्ट मामले में पूर्व MLA कमलेश पाठक को झटका, SC ने खारिज की जमानत … – भारत संपर्क

सुप्रीम कोर्ट.
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक कमलेश पाठक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में कमलेश पाठक की जमानत याचिका खारिज कर दी है. इस दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश सी शर्मा की बेंच ने कमलेश के आपराधिक इतिहास का हवाला दिया.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि कमलेश पाठक का उनके क्षेत्र में प्रभाव साथ ही आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उनकी जमानत पर रिहाई की अर्जी अनुचित है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर प्रकाश डाला गया कि पाठक के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा मामले स्पष्ट रूप से शिकायतकर्ता के साथ निपटाए गए थे, जो याचिकाकर्ता के प्रभाव और वर्चस्व की तरफ इशारा करते हैं.
वकील ने ट्रायल की धीमी गति पर उठाए सवाल
पूर्व विधायक कमलेश पाठक की तरफ से कोर्ट में वरिष्ठ वकील अंजना प्रकाश ने दलील पेश की. इस दौरान वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल कमलेश को हत्या और हत्या के प्रयास के अलग-अलग मामलों में जमानत दी गई है, लेकिन गैंगस्टर एक्ट मामले की वजह से उन्हें सलाखों के पीछे रहने के लिए मजबूर होना पड़ा है. दलील पेश करते हुए वकील ने सुप्रीम कोर्ट के मई 2023 के आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें पाठक को गैंगस्टर एक्ट मामले की सुनवाई तीन महीने के अंदर खत्म नहीं होने पर जमानत याचिका फिर से दाखिल करने की इजाजत दी गई थी. इसके साथ ही वकील ने ट्रायल की धीमी गति को लेकर भी कोर्ट से शिकायत की.
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वकील की दलीलों के जवाब में बेंच ने कहा कि यह इस अदालत का एक विचार है कि यूपी से इस तरह का मामला तीन महीने के अंदर समाप्त हो जाएगा. यह ऐसा मामला नहीं है जहां हम अपने विवेक का प्रयोग कर सकते हैं. बेंच ने कहा कि कमलेश की जैसी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले शख्स के साथ हमें नहीं लगता कि हम ऐसा कोई आदेश पारित करेंगे.
गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज
कमलेश पाठक पर औरैया में दोहरे हत्याकांड में कथित संलिप्तता के बाद उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. दरअसल मार्च 2020 में औरैया शहर के नारायणपुर मोहल्ले में पंचमुखी हनुमान मंदिर में 37 साल के अधिवक्ता मंजुल चौबे के साथ ही उनकी 24 साल की बहन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मंदिर का प्रबंधन और उसकी देखभाल मृतक का परिवार ही करता था.इस मामले में पुलिस ने पूर्व एमएलसी पाठक समेत उनके दो भाइयों और 11 अन्य पर मंदिर की जमीन हड़पने के लिए हत्या का आरोप लगाया था. वहीं कमलेश पाठक के खिलाफ दूसरा आपराधिक मामला हत्या के प्रयास और गंभीर हमले के आरोप के तहत दर्ज किया गया था.
गैंगस्टर एक्ट मामले में इलाहाबाद HC से नहीं मिली जमानत
अप्रैल 2022 में हत्या और गंभीर हमले के मामलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कमलेश पाठक को जमानत दे दी थी. हालांकि गैंगस्टर मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली थी. ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों ने ही उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने पाठक को तीन महीने के बाद फिर से जमानत याचिका दायर करने की छूट दी थी. जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन मार्च में एक बार फिर से उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी.

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