श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में 108 किलो श्री पारद…- भारत संपर्क

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श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में 108 किलो श्री पारद…- भारत संपर्क

बिलासपुर के सरकण्डा सुभाष चौक स्थित श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में स्थापित 108 किलो वजनी श्री पारद शिवलिंग का महारुद्राभिषेक और महाशिवरात्रि महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। बिलासपुर में स्थापित इस 108 किलो विशालकाय पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

प्रातः 5:00 बजे से महारुद्राभिषेक आरंभ हुआ। इसके पश्चात रात्रि चारों पहर अभिषेक और पूजन किया जाएगा।एवं 9 मार्च शनिवार को प्रातः 9:00 बजे हवन, मध्यान्ह 11:00 बजे सवा लाख बाती द्वारा श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का महाआरती किया जाएगा 11:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक रुद्राक्ष का वितरण पीठाधीश्वर जी के द्वारा किया जाएगा एवं 12 बजे से भंडारा आयोजित किया जाएगा।

प्रातः 5:00 से श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक श्री हर्षवर्धन अग्रवाल,श्री योगेश कटैलिहा,श्री अखिल वर्मा,श्री प्रमोद शर्मा,श्री बी. रमेश कुमार,श्री अनिल यादव,श्री दीपेश पाण्डेय श्रीमती अमिता पाण्डेय,श्रीमती किरण सिंह राजपूत,श्री देवेन्द्र मिश्रा,श्री डॉ. विनोद तिवारी,श्री अभिषेक जोशी, श्री अश्विनी कुमार,कु. सुपर्णा सिंह द्वारा निरन्तर किया गया।

शिवरात्रि पर रात की पूजा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण होती है चार पहर की पूजा। संध्याकाल प्रदोष काल से शुरू होकर यह पूजा अगले दिन के ब्रह्म मुहूर्त में अगले दिन खत्म होती है। इसमें रात्रि का संपूर्ण प्रयोग किया जाता है यानी पूरी रात का इस्तेमाल किया जाता है। यह दिन शिव कृपा से भरा होता है। महाशिवरात्रि पर हर क्षण भगवान शिव की कृपा बरसती है। श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव के चार पहर पूजा आचार्य श्री शुभेष जी महाराज अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज राष्ट्रीय प्रमुख,आचार्य डॉ. दिनेशजी महाराज पीताम्बरा पीठाधीश्वर ‘श्री पीताम्बरा पीठ “त्रिदेव मंदिर, सुभाष चौक, सरकण्डा बिलासपुर छ.ग.,श्री नीतिश सलूजा महेन्द्र डायमंड “बिलासपुर,श्री दीपक खण्डेलवाल ‘साई मंगलम” व्यापार विहार बिलासपुर द्वारा किया जाएगा।

जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।
असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें।भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें।

लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।
धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें।
तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।
पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें।
रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है।
ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगाजल से रुद्राभिषेक करें।सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है।*
प्रमेह रोग की शांति भी दुग्धाभिषेक से हो जाती है।
शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।
सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है।
शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है।पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें।
गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।
पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शकर मिश्रित जल से अभिषेक करें। ऐसे तो अभिषेक साधारण रूप से जल से ही होता है।
लगातार भक्तो का शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव के दर्शन के लिए तांता लगा रहा।

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