लंबी फास्टिंग के दुष्प्रभाव – lambi fasting ke dushprabhav

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लंबी फास्टिंग के दुष्प्रभाव – lambi fasting ke dushprabhav

छठ पर्व बिहार और पूर्वांचल में ही नहीं, बल्कि अब दिल्ली–मुंबई सहित दुनिया के कई देशों में पूरी पवित्रता के साथ मनाया जाता है। मगर इस पर्व में किया जाने वाला 36 घंटे का उपवास सेहत के लिए नुकसानदेह भी हो सकता है। यहां हम उन खास स्थितियों के बारे में बात कर रहे हैं, जब आपको यह उपवास नहीं करना चाहिए।

छठ पूजा बिहार का सबसे प्रचलित पर्व है (chhath puja fasting)। आज के समय में इसे बिहार के साथ-साथ देश के कई अन्य राज्यों में भी मायया जाता है। 4 दिनों के इस महा पर्व में 36 घंटों का (chhath puja fasting hours) निर्जला उपवास रखना होता है (36 hours fasting side effects)। यदि स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें तो 36 घंटों तक बिना कुछ खाए पिएं रहना सेहत के लिए उचित नहीं है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से सेहत संबंधी कोई समस्या है। वहीं 36 घंटों तक लगातार बिना कुछ खाए पिए रहने से सामान्य लोगों की सेहत पर भी कई साइड इफेक्ट्स नज़र आ सकते हैं। यदि आप भी छठ का व्रत रखने का सोच रही हैं, तो पहले अपने शरीर की जांच जरूर करें।

डायटीशियन परमीत कौर, हेड और चीफ – नूट्रिशनिस्ट और डायटीशियन, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम ने लंबे समय तक निर्जला उपवास रखने के कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स बताए हैं। तो चलिए जानते हैं, लंबे फास्टिंग के नुकसान साथ ही जानेंगे कीन्हे नहीं करना चाहिए लंबा उपवास (36 hours fasting side effects)।

36 घंटे के उपवास के संभावित साइड इफेक्ट्स (36 hours fasting side effects)

1. कमजोरी, थकावट और चक्कर आना

लंबे समय तक उपवास करने के फायदे और नुकसान दोनों हैं। लंबे समय तक उपवास करना, खासकर जब चिकित्सा देखभाल के तहत न हो, तो यह कई स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती है। सबसे पहले, लंबे समय तक उपवास करने से शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप कमजोरी, थकावट और चक्कर आना आम हो जाते हैं।

chhath puja fasting
लगभग 36 घंटों तक लगातार बिना खाए पिए रहना होता है। यह बेहद कठिन पर्व है, जिसे रखना बहुत मुश्किल होता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

2. बदल सकता है रक्त का पीएच

शरीर ऊर्जा शक्ति के निर्माण के लिए ग्लूकोज के विकल्प के रूप में स्टोर्ड फैट का उपयोग करता है। हालांकि, यह प्रक्रिया वजन घटाने में मदद कर सकती है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप कीटोन्स का उत्पादन भी हो सकता है, जिससे कीटोएसिडोसिस हो सकता है। यह एक खतरनाक बीमारी है, जो रक्त के पीएच को बदल देती है। विशेष रूप से ये डायबिटीज के मरीजों के लिए अधिक खतरनाक हो सकती है।

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3. मसल्स लॉस

लंबे समय तक उपवास करने से, विशेष रूप से निर्जला व्रत, मांसपेशियों की हानि का कारण बन सकता है। क्योंकि इस दौरान शरीर ऊर्जा को संरक्षित करने के लिए मांसपेशियों को तोड़ना शुरू कर देता है। इस प्रकार मसल्स लॉस आपकी बॉडी को कमजोर कर सकते हैं।

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4. ब्लड शुगर लेवल गिर सकता है

लंबे समय तक व्रत रखने से रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है। जिसके परिणामस्वरूप मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं ब्लड शुगर का स्तर गिरने से शरीर में अन्य कई लक्षण नज़र आ सकते हैं।

chhath puja
लंबे समय तक व्रत रखने से रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

5. ब्लड प्रेशर गिर सकता है

लंबे समय तक भूखे रहने से लो ब्लड प्रेशर के मरीजों में बेहोशी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप चोट लग सकती है।

6. डिहाइड्रेशन

रोजाना हमारे शरीर को लगभग 3 से 4 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। ऐसे में लगभग 36 घंटों के उपवास के दौरान शरीर को बिल्कुल भी पानी न मिलना परेशानी का कारण बन सकता है (36 hours fasting side effects)। लंबे समय तक पानी न पीना या पानी युक्त कोई भी खाद्य पदार्थ न लेना डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। इस स्थिति में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और किडनी पर दबाव पड़ सकता है। लंबे समय तक उपवास करने से पाचन तंत्र पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे दोबारा खाने पर भोजन को प्रभावी ढंग से पचाना अधिक कठिन हो जाता है। अगर आप लंबे समय तक उपवास करने का सोच एही हैं तो पहले डॉक्टर से सलाह लें।

जानिए किन लोगों को नहीं करना चाहिए छठ उपवास (who should avoid chhath puja fasting)

छठ पूजा एक निर्जला व्रत है, जिसमें लगभग 36 घंटों का फ़ास्ट रखना होता है (chhath puja fasting hours)। पूजा की तैयारी नहाए-खाए से शुरू हो जाती है और इन दिनों में भी केवल एक समय व्रत का खाना खाना होता है। इनके बाद लगभग 36 घंटों तक लगातार बिना खाए पिए रहना होता है (chhath puja fasting tips)। यह बेहद कठिन पर्व है, जिसे रखना बहुत मुश्किल होता है। हालांकी, इतना कठिन होने के बावजूद बिहार में जायदातर लोग इस व्रत को रखते हैं। हालांकि, व्रत करना शरीर के लिए अच्छा है परंतु कई ऐसी स्थिति है, जब लंबी फास्टिंग बॉडी को नुकसान पहुंचा सकती है।

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प्रेगनेंसी में आपको किसी भी फास्टिंग से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए। चित्र : अडॉबीस्टॉक
  • विशेष रूप से प्रेगनेंट और ब्रेस्ट फीडिंग करवा रही महिलाओं को छठ पूजा जैसे लंबे व्रत नहीं रखने चाहिएं। यह आपके लिए कप्लिक्शन्स को बढ़ा सकता है।
  • इसके साथ ही यदि आपको डायबिटीज है, तो 36 घंटों का निर्जला व्रत आपकी सेहत के लिए बिलकुल भी उचित नहीं है। इतने लंबे समय तक भूखे रहने से ब्लड शुगर का स्तर असंतुलित हो सकता है, जिसकी वजह से कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
  • इंसुलिन, ब्लड प्रेशर, रक्त पतला करने वाली दवाएं और नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDS) जैसी कुछ दवाइयां लेने वालों के लिए उपवास की सलाह नहीं दी जाती है। इसके अलावा लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों को व्रत नहीं करना चाहिए।
  • यदी ह्रदय संबंधी समस्या है, या हार्ट सर्जरी हुई है, तो इस स्थिति में छठ का व्रत न करें।
  • अनियंत्रित माइग्रेन वाले लोगों को भी लंबे उपवास से परहेज करना चाहिए अन्यथा माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है।

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