पकड़ी चांदी ने रफ्तार, इन दो वजहों से कीमत जाएगी एक लाख रुपए…- भारत संपर्क

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पकड़ी चांदी ने रफ्तार, इन दो वजहों से कीमत जाएगी एक लाख रुपए…- भारत संपर्क
पकड़ी चांदी ने रफ्तार, इन दो वजहों से कीमत जाएगी एक लाख रुपए के पार!

अगले एक साल में चांदी के दाम एक लाख रुपए तक पहुंच सकते हैं.

देश में चांदी 90 हजार रुपए के लेवल को पार कर गई है. आने वाले महीनों में चांदी की रफ्तार कुछ इसी तरह की देखने को मिल सकती है. हम ये बात इस वजह से कह रहे हैं क्योंकि मौजूदा साल में चांदी की घरेलू कीमत में 22 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिल चुका है. जोकि गोल्ड के मुकाबले काफी ज्यादा है. बीते एक हफ्ते में चांदी की कीमत में 7 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल चुकी है. वहीं मई के महीने में यह आंकड़ा 12 फीसदी से ऊपर पहुंच चुका है.

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि चांदी की कीमत में तेजी क्यों देखने को मिल रही है? वहीं क्या अगले एक साल में चांदी के दाम एक लाख रुपए पर पहुंच जाएंगे? ये दोनों सवाल इसलिए अहम हो गए हैं, क्योंकि देश में सोलर पैनल्स और इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से बढ़ते उद्योगों के कारण चांदी की डिमांड में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से चांदी जैसे इंडस्ट्रीयल मेटल्स की कीमत अगले एक साल में एक लाख रुपए प्रति किलोग्राम देखने को मिल सकती है. वहीं दूसरी ओर अगले 3 महीनों में चांदी के दाम 92,000 रुपए प्रति किलोग्राम तक के दायरे में देखने को मिल सकते हैं.

एक लाख जा सकते हैं दाम

कोटक सिक्योरिटीज में कमोडिटी रिसर्च के सीनियर मैनेजर कायनात चैनवाला ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि चांदी एक इंडस्ट्रीयल मेटल है. इसे बेस मेटल्स में तेजी आने का फायदा मिल सकता है. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि चांदी का इंडस्ट्रीयल यूज ज्यादा होने से कीमतों में और इजाफा देखने को मिलेगा. ऐसे में अगले तीन महीने में चांदी के दाम 75 हजार रुपए से लेकर 92 हजार रुपए प्रति किलोग्राम के बीच रह सकते हैं. वहीं दूसरी ओर मोतीलाल ओसवाल जैसे ब्रोकरेज को लगता है कि चांदी के दाम 1 लाख रुपए की नई ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं. पिछले 15 दिनों में ही एमसीएक्स पर चांदी की कीमतों में 7,000 रुपए प्रति किलोग्राम से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है.

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सोलर पैनल में बढ़ रहा निवेश

अमेरिका में सॉफ्ट लैंडिंग की संभावनाओं और क्लीन एनर्जी सेक्टर के आगे बढ़ने का मतलब आने वाले महीनों में सोने की तुलना में चांदी की कीमतों में अधिक उछाल हो सकता है. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सोलर पीवी मैन्युफैक्चरिंग में ग्लोबल इंवेस्टमेंट, जो चांदी की डिमांड का प्रमुख ड्राइवर है, पिछले साल दोगुना से अधिक होकर लगभग 80 बिलियन डॉलर हो गया, जो क्लीन टेक मैन्युफैक्चरिंग में ग्लोबल इंवेस्टमेंट का लगभग 40 फीसदी है. इस सप्ताह अब तक कॉमेक्स और एमसीएक्स सिल्वर में क्रमशः 10 फीसदी और 7.2 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. 2013 के बाद पहली बार कॉमेक्स पर चांदी की कीमतें 30 डॉलर प्रति औंस के लेवल को पार कर गईं और एमसीएक्स की कीमतें अब तक के हाईएस्ट लेवल पर पहुंच गईं.

क्या कह रहे हैं जानकार

मेहता इक्विटीज में कमोडिटीज के वाइस प्रेसीडेंट राहुल कलंत्री ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि व्यापारियों को चांदी की कीमतों में संभावित उछाल के लिए तैयार रहना चाहिए, खासकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में 30 डॉलर की महत्वपूर्ण सीमा को पार करने के बाद. उन्होंने कहा कि यदि चांदी 30 डॉलर के बेंचमार्क से ऊपर अपनी स्थिति बनाए रखने में सफल होती है, तो इसमें 7-10 फीसदी का और इजाफा देखने को मिल सकता है. इसके विपरीत, अगर चांदी 30 डॉलर से ऊपर रहने में सफल नहीं रहती है तो दबाव देखने को मिल सकता है. जिसके बाद दाम 28.50 डॉलर और 27.90 डॉलर प्रति ओंस के लेवल पर आ सकते हैं. मेहता ने कहा कि एमसीएक्स पर, चांदी का लेवल 88,550 काफी निर्णायक हो सकता है.

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