भाईयों को राखी भेजने बहनें पहुंच रही डाकघर, स्पेशल प्लास्टिक…- भारत संपर्क
भाईयों को राखी भेजने बहनें पहुंच रही डाकघर, स्पेशल प्लास्टिक कोटेड लिफाफा की बढ़ी डिमांड
कोरबा। रक्षाबंधन को लेकर बहनों ने तैयारी शुरू कर दी है। घर बाहर रहने वाले भाईयों तक भेजने के लिए पोस्ट ऑफिस पहुंच रहीं है। लेकिन इस बार भारतीय डाकघर में मांग के अनुसार स्पेशल प्लास्टिक कोटेड राखी का लिफाफा नहीं पहुंचा है। डाकघर में ढाई हजार लिफाफा पहुंची है। यह से काफी कम है। प्रबंधन का कहना है कि लिफाफा खत्म होने पर मुख्यालय से और मंगाया जाएगा। भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन इस बार नौ अगस्त को मनाया जाएगा। पर्व को लेकर भाई और बहनों में खासा उत्साह है। बहनों ने रक्षाबंधन की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। राखी का बाजार भी सजने लगा है। बहनें अपने उन भाईयों को राखी भेजने की अभी तैयारी शुरू कर दी हैं, जो ऊर्जाधानी के बाहर दूसरे जिले या फिर प्रदेश के विभिन्न कंपनी व संस्थान में कार्यरत हैं और रक्षाबंधन पर घर नहीं आएंगे। पर्व पर इन भाईयों की कलाई सूनी नहीं रहे, इसके लिए बहने उनके लिए राखियां खरीद रहीं हैं। राखी को डाकघर और कोरियर से भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। ताकि रक्षाबंधन से पहले भाईयों तक राखी पहुंच जाए। इसके लिए बहने भारतीय डाकघर की शाखाओं में पहुंच रहीं है। भारतीय डाकघर ने भी बारिश के मौसम में राखियों का लिफाफा सुरक्षित भाईयों तक पहुंचाने के लिए इस बार लगभग ढाई हजार स्पेशल प्लास्टिक कोटेड लिफाफा मंगाया है। इसमें से प्रधान डाकघर में लगभग 800 रखा गया है। जबकि उप डाकघरों में 150 से 200 लिफाफा आबंटित किया गया है। यह पिछले साल की अपेक्षा इस बार लिफाफों की संया काफी कम है। बताया जा रहा है कि पिछले साले डाकघर में पहली खेप में लगभग तीन हजार लिफाफा पहुंचा था। यह 10 दिनों में ही समाप्त हो गई थी। दूसरी खेप विलंब से आई थी। इस दौरान लोगों को काफी असुविधा हुई थी। रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए प्रधान डाकघर प्रबंधन ने राखी भेजने के लिए विशेष पीला रंग का डिब्बा कार्यालय के बाहर रखा गया है। बहनें अपनी राखी इसी डिब्बे में डाल सकते हैं। इस डिब्बे के डाक को विभाग की ओर से प्राथमिकता से प्रेषित करने की बात कही गई है। प्रबंधन ने बताया कि रक्षाबंधन पर औसतन हर साल 10 से 12 हजार राखियों के लिफाफा भारतीय डाकघर में पंजीकृत व स्पीड पोस्ट के माध्यम से बुक होती है। हाल के दिनों में प्रधान डाकघर में ही 30 से 40 राखियों का लिफाफा लेकर बहनें डाकघर पहुुंच रहीं है।