Skype: माइक्रोसॉफ्ट ने लिया बड़ा फैसला, खत्म होने जा रहा है स्काइप का सफर – भारत संपर्क


Microsoft का बड़ा फैसला
माइक्रोसॉफ्ट Skype को लेकर एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. कंपनी मई से Skype को परमानेंट बंद करने जा रहा है. इससे 22 साल के लंबे सफर का अब अंत होने जा रहा है. Skype को साल 2003 में लॉन्च किया गया था. साल 2011 में माइक्रोसॉफ्ट ने इसे खरीद लिया था. इसके बाद से माइक्रोसॉफ्ट ने धीरे-धीरे इस प्लेटफॉर्म की कुछ सुविधाओं को हटा दिया था. कंपनी ने Windows Live Messenger को हटा दिया था. साल 2015 में माइक्रोसॉफ्ट ने Skype को Windows 10 में इंटीग्रेट करने की कोशिश की थी. हालांकि नौ महीने में ही बंद हो गया था.
माइक्रोसॉफ्ट ने बनाया ये प्लान
माइक्रोसॉफ्ट ने साल 2017 में Teams को पेश किया. Teams विशेष रूप से कंपनी के अंदर संवाद के लिए Slack जैसे प्लेटफॉर्म का मुकाबला करने के लिए बनाया गया था. अब Skype यूजर्स को Teams पर शिफ्ट होने के लिए कहा जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक एक इवेंट के प्रिव्यू में लिखा गया कि अपनी कॉल्स और चैट्स को Teams में जारी रखें. इसके साथ ही यह संदेश भी दिया गया कि आपके कुछ दोस्त पहले ही Teams में शिफ्ट हो चुके हैं. यह संदेश आपके Skype संपर्कों के आधार पर दिखेगा.
माइक्रोसॉफ्ट ने इसे 8.5 अरब डॉलर में खरीदा
यह संभावना है कि Skype यूजर्स जल्द ही अपने ऐप्स पर यह मैसेज देखेंगे. स्काइप को पहली बार साल 2003 में लॉन्च किया गया था. यह इंटरनेट प्रोटोकॉल (VOIP) प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा था. साल 2011 में माइक्रोसॉफ्ट ने इसे 8.5 अरब डॉलर में खरीद लिया था. तब से माइक्रोसॉफ्ट ने स्काइप को कई बार डिजाइन किया.इससे यह एप्पल के iMessage को टक्कर दे सके.
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कोविड-19 में भी नहीं उभरी कंपनी
माइक्रोसॉफ्ट ने स्काइप को अपने अन्य प्रोडक्ट जैसे विंडोज, विंडोज फोन और एक्सबॉक्स के साथ भी कंबाइन करने की कोशिश की है.पिछले कुछ सालों में माइक्रोसॉफ्ट ने स्काइप को फिर से लोकप्रिय बनाने के लिए नए फीचर्स जैसे स्काइप क्लिप्स और कोपिलॉट एआई को शामिल करने की कोशिश की. लेकिन जब कंपनी कोविड-19 महामारी के दौरान स्काइप को लोकप्रिय नहीं कर पाई. ऐसे में इसे बंद करने की नौबत आ गई.