Smriti Mandhana Birthday: मां ने साइंस लेने से क्यों किया था मना? पढ़ें स्मृति…


कितनी पढ़ी लिखी हैं स्मृति मंधाना?Image Credit source: Instagram/smriti_mandhana
आज क्रिकेट की दुनिया में स्मृति मंधाना एक बड़ा नाम बन चुकी हैं. उनके नाम न जाने कितने ही रिकॉर्ड हैं, जो सभी को हैरान करते हैं. अभी हाल ही में भारत और इंग्लैंड महिला टीम के बीच हुए मैच में स्मृति मंधाना और प्रतिका रावल की जोड़ी ने वो कर दिखाया है, जो दुनिया में कोई सलामी जोड़ी नहीं कर पाई है. दोनों खिलाड़ियों ने महिला वनडे में सलामी जोड़ी के तौर पर शानदार औसत के साथ 1000 रन बनाए हैं और ऐसा करने वाली वो दुनिया की पहली जोड़ी बन गई हैं. आज स्मृति मंधाना का जन्मदिन है. इस मौके पर आइए जानते हैं उनकी पढ़ाई से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी कि उनकी मां ने आखिर उन्हें साइंस की पढ़ाई करने से क्यों मना कर दिया था.
अपने भाई के साथ क्रिकेट की प्रैक्टिस करने से लेकर भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल होने और मिताली राज की उत्तराधिकारी कहे जाने तक का स्मृति मंधाना का सफर बेहद दिलचस्प रहा है. महिला क्रिकेट में टॉप बल्लेबाजों में से एक मानी जाने वाली मंधाना के नाम कई रिकॉर्ड हैं. वह आईसीसी महिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर पुरस्कार दो बार जीतने वाली दूसरी क्रिकेटर हैं. उनके नाम सबसे तेज वनडे शतक (भारतीय) और सबसे तेज टी20 इंटरनेशनल अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड दर्ज है. इसके अलावा वह क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में शतक लगाने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं.
परिवार में था क्रिकेट का माहौल
स्मृति मंधाना का जन्म 18 जुलाई 1996 को मुंबई में हुआ था. हालांकि जब वह महज दो साल की थीं, तो उनका परिवार महाराष्ट्र के सांगली में चला गया था और वहीं पर उनका बचपन बीता. उनके पिता श्रीनिवास पेशे से एक केमिकल डिस्ट्रीब्यूटर थे, जबकि मां स्मिता हाउसवाइफ थीं. मंधाना के घर में शुरुआत से ही क्रिकेट का माहौल था. उनके पिता जहां जिला स्तर पर क्रिकेट खेले थे तो उनके भाई श्रवण महाराष्ट्र अंडर-19 टीम का प्रतिनिधित्व करते थे. हालांकि बाद में श्रवण ने क्रिकेट छोड़ दिया और बैंकर के तौर पर अपना करियर बना लिया.
कितनी पढ़ी लिखी हैं स्मृति मंधाना?
महज 9 साल की उम्र में स्मृति मंधाना ने अंडर-15 महाराष्ट्र टीम में जगह बना ली थी और उसके बाद 11 साल की उम्र में उन्हें अंडर-19 राज्य टीम में शामिल हो गईं थीं. हालांकि क्रिकेट खेलने के साथ ही उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह साइंस की पढ़ाई करना चाहती थीं, लेकिन उनकी मां ने मना कर दिया, क्योंकि उन्हें पता था कि साइंस की पढ़ाई के साथ-साथ क्रिकेट में संतुलन बना पाना मुश्किल होगा. बाद में मंधाना ने कॉमर्स चुना और सांगली के चिंतामन राव कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने पूरी तरह से क्रिकेट पर फोकस किया और आज उनकी गिनती देश के टॉप महिला क्रिकेटर्स में होती है.
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