कहीं आप भी तो नहीं खा रहे नकली केसर? खरीदते समय ध्यान रखें ये 5 बातें

केसर यानी जाफरान बेहद फायदेमंद और खुशबूदार होता है. साथ ही ये काफी महंगी भी होती है. चाहे मिठाई में डालना हो, दूध में मिलाना हो या फेस पैक में केसर हर जगह अपना कमाल दिखाता है. इसे आयुर्वेद में भी बहुत गुणकारी माना गया है, इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर स्किन ग्लो तक ये सब में असर करती है. लेकिन जितना असली केसर फायदेमंद है, उतना ही नकली केसर सेहत के लिए खतरनाक भी हो सकता है. आजकल मार्केट में मिलावटी और नकली केसर धड़ल्ले से बिक रहा है, जो न सिर्फ आपके पैसे बर्बाद करता है, बल्कि शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है.
तो ऐसे में ये जानना बहुत जरूरी है कि असली और नकली केसर में क्या फर्क है और खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखें. आइए जानते हैं वो 5 आसान टिप्स, जिससे आप असली केसर की पहचान कर सकते हैं.
1. रंग छोड़े या नहीं?
असली केसर तुरंत रंग नहीं छोड़ता. जब आप असली केसर को पानी या दूध में डालते हैं, तो धीरे-धीरे 10-15 मिनट में रंग आता है और उसमें खुशबू बनी रहती है. नकली केसर डालते ही तुरंत गहरा रंग छोड़ता है, जो केमिकल या डाई मिलाने का संकेत होता है.
2. खुशबू से पहचानें
असली केसर की खुशबू हल्की-सी मीठी और मिट्टी जैसी होती है, जिसमें हनी (शहद) और थोड़ी सी घास जैसी महक मिलती है. नकली केसर या तो बिल्कुल बिना खुशबू के होता है या उसमें तीखा, केमिकल जैसा गंध आता है.
3. पानी में घोलने पर रेशे रह जाएं
जब आप केसर को पानी में डालकर थोड़ी देर बाद मसलते हैं, तो असली केसर के रेशे वैसे ही बने रहते हैं, घुलते नहीं. जबकि नकली केसर पानी में घुलकर बिल्कुल गायब हो सकता है या टूट जाता है.
4. कीमत देखकर समझें
केसर बहुत महंगा होता है. अगर कोई केसर आपको बहुत सस्ते दाम में दे रहा है, तो समझिए इसमें कुछ गड़बड़ है. असली केसर की कीमत कम नहीं होती, और अगर मिल भी रही हो सस्ती तो उसकी क्वालिटी में मिलावट हो सकती है.
5. ब्रांड और पैकेजिंग चेक करें
जब भी केसर खरीदें तो हमेशा किसी भरोसेमंद ब्रांड का ही केसर लें. लोकल शॉप से लिया हुआ केसर या खुला हुआ केसर न लें. साथ ही पैकेजिंग पर FSSAI नंबर, मैन्युफैक्चरिंग डेट और ब्रांड का नाम जरूर चेक करें.