ईशा नगर मध्य प्रदेश में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा पुराण…- भारत संपर्क

देशभर में इन दोनों धर्म की बयार बह रही है। देश भर में तमाम बड़े धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। इसी कड़ी में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर , पड़ाव चौराहा, ईशा नगर मध्य प्रदेश में पंच कुंडीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ एवं संत दर्शन आशीर्वचन का भव्य आयोजन किया गया। यहां संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन 15 फरवरी से लेकर 23 फरवरी तक हुआ, जिसमें देशभर से संत सम्मिलित हुए। यहां अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित श्री शिवाकांत जी महाराज और आज्ञाचार्य पंडित श्री प्रेम नारायण जी महाराज ने कथा और महायज्ञ संपन्न कराया ।इस अवसर पर देश भर से संत समाज आयोजन स्थल पर जुटा जिसमें बिलासपुर श्री पीतांबरा पीठ त्रिदेव मंदिर के पीठाचार्य और अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज छत्तीसगढ़ प्रमुख आचार्य डॉक्टर दिनेश चंद्र जी महाराज भी सम्मिलित हुए।
15 फरवरी को भव्य सनातन कलश यात्रा के साथ आयोजन का शुभारंभ हुआ। अगले दिवस यहां मंगल प्रवेश, देव पूजा , श्रीमद् भागवत महापुराण मूल पाठ एवं कथा आरंभ किया गया। शनिवार 17 फरवरी को अग्नि स्थापन और हवन आरंभ हुआ तो वहीं 21 फरवरी को विशाल संत दर्शन सत्संग एवं शंकराचार्य जी का आशीर्वचन प्राप्त हुआ । 22 फरवरी को कथा विश्राम के साथ पूर्णाहुति अर्पित की गई, तो वहीं 23 फरवरी को विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस मौके पर सुमेरु पीठ के शंकराचार्य श्री नरेंद्र नाथ जी महाराज के अलावा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण जी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी श्री राधे राधे बाबा जी इंदौर, बृजघाट महामंडलेश्वर सर्वेश्वर आनंद जी महाराज , सुभेश जी महाराज दैवज्ञ , अभिराम आचार्य जी महाराज, पंडित दिनेश चंद्र जी महाराज , लोमेश गर्ग जी महाराज, वैभव अलोनी जी महाराज, कमलेश बब्बा जू , अरुण शास्त्री जी श्रवण जी महाराज सहित देश भर के दिग्गज संत सम्मिलित हुए ।

संत समागम के दौरान त्रिदेव मंदिर के पीठाधीश्वर पंडित दिनेश चंद्र जी महाराज ने धर्म पर अपना आख्यान दिया ।उन्होंने बताया कि धर्म का पालन जितना सरल है, उतना ही कठिन भी। प्रभु को प्रसन्न करने के लिए सनातन के नियम का पालन करना आवश्यक है। उसके लिए वर्ण का कोई बंधन नहीं है। उन्होंने मंदिरों में दर्शन के लिए जाने वालों से मर्यादा के पालन की भी अपेक्षा की। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि आज हम अपने धर्म से भटक गए हैं। हमें ऋषि मुनियों के बताएं मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। श्रीमद् भागवत कथा और पंच कुंडीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ एवं संत दर्शन आशीर्वचन के आयोजन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटे।