‘जब तक मौत न आ जाए भूखे रहना’, स्वर्ग का सपना दिखाकर धर्मगुरू ने ली 191 बच्चों की… – भारत संपर्क


पॉल मैकेंजी, फाइल फोटो
अफ्रीकी देश केन्या का एक कल्ट लीडर जो स्वर्ग का सपना दिखाता था, कल से ही समूची दुनिया में सुर्खियों में है. पॉल मैकेंजी और उसके 29 सहयोगी 191 बच्चों की हत्या के आरोपी बनाए गए हैं. इन बच्चों की लाशों को जंगलों में दफना दिया गया था जिसका बाद में जाकर खुलासा हुआ.
केन्या में एक शहर है मालिंदी, तटीय इलाकों के आस पास ये शहर बसा हुआ है. यहीं की एक अदालत में पॉल मैकेंजी समेत 30 लोगों की पेशी हुई. इन सभी 30 लोगों ने वैसे तो आरोपों का नकार दिया मगर ये मुकदमा अभी लंबा चलेगा. एक और संदिग्ध शख्स भी इस केस में आरोपी था पर मानसिक रूप से बीमार होने के कारण उस पर मुकदमा नहीं चलेगा.
‘जब तक मौत न आ जाए भूखे रहना’
ये पुरा मामला पिछले साल सुर्खियों में आया था. अब जाकर इस मामले में पॉल और उसके अनुयायियों को आरोपी बनाया गया है.पॉल पर आरोप लगाने वाले सरकारी वकीलों का कहना है कि उसने अपने अनुयायियों से कहा कि वे तब तक खुद और अपने बच्चों को भूखा रखें जब तक उनकी मृत्यु न हो जाए. ऐसा करवाने के पीछे पॉल की दलील थी कि यूंं मर कर वे कयामत से बहुत पहले स्वर्ग जा पाएंगे. किसी तथाकथित मायावी धर्मगुरू के कारण इतने अनुयायियों की ऐसी दर्दनाक मौत हाल के इतिहास में न देखने को मिलती है और ना ही सुनने को.
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कुल 400 शव मिले
पॉल ‘गुड न्यूज़ इंटरनेशनल चर्च’ चलाता था. ये चर्च केन्या के शाकाहोला के जंगलों में स्थित था. एकदम एकांत और सुनसान, ये पूरा इलाका करीब 800 एकड़ में फैला हुआ था. यहीं बस्ती बना ली गई थी जहां पॉल मैकेंजी के अनुयायी बड़ी संख्या में रहते थे. कहते हैं कि यहां से बाद में 400 के करीब शव निकाले गए जो इस पूरे इलाके में दफनाए गए थे. इनमें 191 लाशें बच्चों की थी.
पहले भी हो चुकी है सजा
इसके बाद पिछले साल पॉल मैकेंजी को अप्रैल के महीने में गिरफ्तार कर लिया गया. पॉल पर इस मामले के अलावा आतंकवाद, हत्या और यातना के कई गंभीर आरोप पहले से ही हैं. अभी हाल ही में दिसंबर में पॉल को बिना लाइसेंस के फिल्में बनाने और फिर उसको बांटने के केस में दोषी ठहराया गया. इस केस में कुल 12 महीने जेल की सजा पॉल को सुनाई गई.
‘अस्पताल, स्कूल हैं शैतानी शक्ति’
मैकेंजी के अनुयायी उसकी बातों को एकदम आंखमूंद कर माना करते थे. इस हद तक कि उनका मानना था कि अस्पताल, स्कूल जैसे संस्थान शैतानी शक्तियां हैं. लिहाजा, वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने और बीमार होने पर अस्पताल नहीं ले जाते थे. मैकेंजी के वकील का इस पर मानना है कि जांच में सहयोग जारी है और आखिर-आखिर तक वे उनके मुवक्किल पर लगे आरोपों का बचाव करेंगे.