BHU की छात्रा रहीं सुशीला कार्की बनीं नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री, काशी से सीखा… – भारत संपर्क


बीएचयू से पढ़ी हैं सुशीला कार्की.
नेपाल में युवाओं के विद्रोह के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाली पूर्व सीजेआई सुशीला कार्की को काशी (वाराणसी) से राजनीति की दीक्षा मिली. सुशीला कार्की बीएचयू की पूर्व छात्रा रही हैं और 1975 में उन्होंने यहां से एमए राजनीति विज्ञान की डिग्री ली थी. बीएचयू के पूर्व प्रोफेसर और सुशीला कार्की को करीब से जानने वाले प्रोफेसर दीपक मलिक बताते हैं कि वाराणसी लम्बे समय तक नेपाल में एंटी मोनार्की मूवमेंट का सेंटर रहा है.
1940 से 1980 के बीच बीपी कोइराला के नेतृत्व में वाराणसी से ही नेपाल में राजशाही के ख़िलाफ स्ट्रेटजी बनाती रही थीं. बीपी कोइराला बनारस के सारनाथ, रथयात्रा और रविंद्रपुरी में रहकर ये अभियान चलाते थे. उनके ही नेतृत्व में जीपी कोइराला, शैलजा आचार्य और दुर्गा प्रसाद सुबेदी जैसे नेपाली कांग्रेस के यूथ लीडर्स एंटी मोनार्की की अलख जगाये हुए थे.
एंटी मोनार्की मूवमेंट की तरफ हुआ रुझान
सुशीला कार्की भी जब मास्टर्स के लिए यहां आईं तो उनका रुझान भी एंटी मोनार्की मूवमेंट की तरफ हुआ और वो शैलजा आचार्य और दुर्गा प्रसाद सुबेदी जैसे नेताओं के सम्पर्क में आईं. नेपाली क्रांति के बाद उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में चुना जाना बीएचयू में चर्चा का विषय रहा.
BHU से ली एमए पॉलिटिकल साइंस की डिग्री
विराटनगर से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद सुशीला कार्की बीएचयू आई थीं. यहां राजनीति विज्ञान विभाग से उन्होंने एमए पॉलिटिकल साइंस की डिग्री ली. इसके बाद नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से उन्होंने कानून की डिग्री प्राप्त की. बीएचयू में चर्चा रही कि उनके पति दुर्गा प्रसाद सुबेदी भी बीएचयू के पूर्व छात्र रहे हैं. बीएचयू में पढ़ाई के दौरान ही दोनों की मुलाकात हुई और बाद में यह विवाह के बंधन में बंधे. सुबेदी नेपाली कांग्रेस के शीर्ष नेता रहे हैं.
दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुआ विवाह
प्रोफेसर दीपक मलिक बताते हैं कि 1973 में राजशाही खजाना लूटने के लिए जीपी कोइराला के नेतृत्व में दुर्गा प्रसाद सुबेदी ने प्लेन हाईजैक किया था. उसके बाद से नेपाल में एंटी मोनार्की मूवमेंट के वो यूथ आइकॉन बन गए थे. सुशीला कार्की की उनसे मुलाकात बीएचयू में ही हुई थी. सुशीला उनसे काफी प्रभावित थीं. बाद में दोनों ने विवाह कर लिया.
बनारस को पूरे शिद्दत से याद करती हैं सुशीला कार्की
दीपक मलिक ने टीवी 9 डिजिटल को बताया कि पिछले साल 23 नवंबर को वो काठमांडू में थे. सुशीला कार्की ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश और उनको खाने पर बुलाया. खाने की मेज पर बनारस पर ही चर्चा होती रही. आज भी सुशीला कार्की बनारस को पूरे शिद्दत से याद करती हैं. सुशीला कार्की चाहती हैं कि नेपाल की स्थिरता में भारत बड़े भाई की भूमिका निभाए.