रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए भारत पर लगाया टैरिफ, SC में ट्रंप प्रशासन ने दी… – भारत संपर्क


राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट से टैरिफ पर त्वरित और निर्णायक निर्णय का अनुरोध किया है. ट्रंप का कहना है कि अमेरिका के प्रतिद्वंद्वियों और सहयोगियों पर उनके द्वारा लगाए गए आयात शुल्क के बिना देश ‘आर्थिक तबाही के कगार’ पर होगा. ट्रंप प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों में जिस तरह आर्थिक तबाही जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है, वे बेहद असामान्य हैं.
बुधवार देर रात, उसने न्यायाधीशों से अपीली अदालत के उस फैसले में हस्तक्षेप करने और उसे पलटने का अनुरोध किया, जिसमें कहा गया था कि ट्रंप के ज़्यादातर टैरिफ आपातकालीन शक्तियों वाले क़ानून का अवैध इस्तेमाल हैं. फ़िलहाल, ये टैरिफ लागू रहेंगे.
अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों को किया अलग-थलग
टैरिफ और उनके अनियमित क्रियान्वयन ने वैश्विक बाजारों को हिलाकर रख दिया है, अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों और सहयोगियों को अलग-थलग कर दिया है, तथा ऊंची कीमतों और धीमी आर्थिक वृद्धि की आशंकाएं बढ़ा दी हैं. राष्ट्रपति ने टैरिफ का इस्तेमाल यूरोपीय संघ, जापान और अन्य देशों पर नए समझौते स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने के लिए भी किया है. अगस्त के अंत तक टैरिफ से राजस्व कुल 159 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले इसी समय की तुलना में दोगुने से भी ज़्यादा है.
शांति और अभूतपूर्व आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा
सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने सुप्रीम कोर्ट से एक हफ़्ते के भीतर यह तय करने का आग्रह किया कि इस मामले की सुनवाई नवंबर के पहले हफ़्ते में की जाए या नहीं और बहस भी होनी चाहिए या नहीं. सॉयर ने लिखा, ‘राष्ट्रपति और उनके कैबिनेट के अधिकारियों ने यह निर्धारित किया है कि टैरिफ शांति और अभूतपूर्व आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं, और इसकी अनुमति देने से इनकार करने से हमारा देश प्रभावी सुरक्षा के बिना व्यापार प्रतिशोध का शिकार हो जाएगा और अमेरिका को आर्थिक तबाही के कगार पर धकेल देगा.
रूस के युद्ध को खत्म करने के प्रयास
उन्होंने दलील दी है कि मुद्दा सिर्फ व्यापार का नहीं है, बल्कि यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को खत्म करने के प्रयास का भी है. सरकार ने दलील दी है कि यदि टैरिफ हटा दिए जाते हैं, तो उसे वसूले गए कुछ आयात कर वापस करने पड़ सकते हैं, जिससे अमेरिकी राजकोष को वित्तीय झटका लगेगा.