Tata की बड़ी छलांग, अब अमेरिका जापान यूरोप पहुंचने लगा…- भारत संपर्क
टाटा बना रही सेमीकंडक्टर्स
भारत लंबे समय से सेमीकंडक्टर सेक्टर में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा बनने की कोशिश कर रहा है. टाटा ग्रुप भी इसमें अहम भूमिका निभा रहा है और उसने पायलट बेसिस पर भारत में इनकी मैन्यूफैक्चरिंग शुरू भी कर दी है. सबसे बड़ी बात ये है कि अब टाटा ग्रुप के बनाए सेमीकंडक्टर जापान, अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में पहुंच रहे हैं.
टाटा ग्रुप की कंपनी ‘टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स’ ने सीमित मात्रा में भारत में बने सेमीकंडक्टर को जापान, यूरोप और अमेरिका में अपने पार्टनर्स को सैंपल के रूप में एक्सपोर्ट करना शुरू कर दिए हैं. टाटा ग्रुप भारत में दो सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने पर काम कर रहा है.
बेंगलुरू में तैयार हुए सेमीकंडक्टर्स
इस घटनाक्रम के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से ईटी ने एक खबर में बताया है कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने अपने बेंगलुरू स्थित रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर में पॉयलट असेंबली लाइन पर इन सेमीकंडक्टर्स को तैयार और पैकज किया है. इन्हीं पैकेजेस को सैंपल के रूप में टाटा ग्रुप ने अमेरिका, यूरोप और जापान को एक्सपोर्ट किया है.
ये भी पढ़ें
टाटा ग्रुप की ओर से ये काम ऐसे समय किया गया है, जब वह गुजरात के धोलेरा और असम के मोरिगांव में अपनी नई चिप पैकेजिंग यूनिट लगाने पर काम रहा है. इसमें धोलेरा वाला प्लांट टाटा ग्रुप और ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन लगाने जा रही है. इस पर 91,000 करोड़ रुपए का निवेश होना है. जबकि टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड असम में 27,000 करोड़ रुपए की मदद से सेमीकंडक्टर यूनिट लगा रहे हैं.
नए कस्टमर्स तक पहुंच रहे सेमीकंडक्टर्स
अभी दुनिया में सेमीकंडक्टर्स के मामले में चीन सबसे बड़ा उत्पादक है. कोविड के दौर में चीन से सेमीकंडक्टर्स की आपूर्ति बाधित होने के चलते दुनिया के सामने इसकी कमी का संकट पैदा हो गया. इसके बाद दुनिया के कई देशों ने चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की दिशा में काम करना शुरू किया और इसका फायदा भारत जैसे देशों को मिला है.
ऐसे में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ना सिर्फ अपने पार्टनर्स को ये सैंपल भेज रहा है. बल्कि अपने कस्टमर बेस को बढ़ाने पर भी ध्यान दे रहा है. भारत से सेमीकंडक्टर्स का कमर्शियल प्रोडक्शन 2026-27 तक होने की संभावना है.