ईंट-पत्थर फेंकने वाले पर कार्रवाई नहीं, शिक्षक ने मांगी…- भारत संपर्क


बिलासपुर।
सिटी कोतवाली क्षेत्र में हाल ही में समय पर कार्रवाई न होने से एक युवक की हत्या और उसके बाद संबंधित पुलिस अधिकारी पर गिरी गाज ने पूरे शहर में पुलिस की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब तोरवा थाना क्षेत्र में भी ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां शिकायत के बावजूद पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। पीड़ित एक शासकीय शिक्षक हैं, जो अपने पड़ोसी की लगातार गुंडागर्दी से इतने परेशान हो गए हैं कि उन्होंने पुलिस से कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति तक मांग डाली है।
मानसिक रोगी बताकर टाल दी शिकायत
तोरवा थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 41, स्वामी विवेकानंद नगर निवासी शिक्षक प्रवीण कुमार तरूण ने बताया कि उनका पड़ोसी बाबू बंगाली दिनभर उनके और आसपास के घरों पर ईंट-पत्थर बरसाता है। परिवार में बुजुर्ग और बच्चे होने के कारण उन्हें किसी बड़ी अनहोनी का डर सताता रहता है। 6 अगस्त को उन्होंने तोरवा थाना प्रभारी को लिखित शिकायत दी। थाने से एक आरक्षक मौके पर गया, लेकिन आरोपी को ‘मेंटल’ बताते हुए पार्षद से पत्र लाने की बात कहकर लौट गया।
इसके बाद वार्ड 41 के पार्षद मोतीलाल गंगवानी ने थाना प्रभारी को लिखित रूप में शिकायत दी। पत्र में बाबू बंगाली के द्वारा बिना किसी कारण पड़ोसियों के घरों में ईंट-पत्थर फेंकने का जिक्र किया गया। इसके बावजूद पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। लगातार हो रही अनदेखी से परेशान शिक्षक ने पुलिस से ही लिखित में कानून हाथ में लेने की अनुमति मांग ली।
पहले भी तलवार निकाल धमकाया, आर्म्स एक्ट में हुई थी कार्रवाई
पीड़ित शिक्षक और उनके पड़ोसियों के अनुसार, बाबू बंगाली पहले भी विवाद कर चुका है। वह आसपास के घरों में पानी फेंकता था। एक परिवार ने जब इसका विरोध किया, तो उसने तलवार निकालकर जान से मारने की धमकी दी। उस समय पुलिस ने तलवार जब्त कर उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। कुछ समय के लिए स्थिति शांत रही, लेकिन अब वह फिर से ईंट-पत्थर फेंककर मोहल्ले का माहौल बिगाड़ रहा है।
एसएसपी के ताजा निर्णय के बाद कार्रवाई की मांग तेज
सिटी कोतवाली क्षेत्र की लापरवाही के मामले में एसएसपी रजनेश सिंह द्वारा दोषी अधिकारियों पर हाल ही में की गई कड़ी कार्रवाई के बाद अब इस प्रकरण में भी पुलिस पर कार्यवाही की मांग तेज हो गई है। मोहल्लेवासी और पार्षद का कहना है कि अगर समय रहते पुलिस ने कदम नहीं उठाया, तो किसी दिन यह मामला भी गंभीर घटना में बदल सकता है।
स्थानीय लोग और पीड़ित परिवार अब एक ही मांग पर अड़े हैं – आरोपी पर तत्काल कार्रवाई हो और पुलिस की ढिलाई के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाए।
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