टीम इंडिया मैं चलाऊंगा…गौतम गंभीर ने ऐसे खत्म किया विराट-रोहित का ‘खेल’, … – भारत संपर्क

गौतम गंभीर ने दो बड़े दिग्गजों के संन्यास में अहम भूमिका निभाई?Image Credit source: Getty Images
करीब 12-13 साल बाद भारतीय क्रिकेट को ऐसा दौर देखना पड़ रहा है, जब उसके 3 सबसे सीनियर और सबसे असरदार खिलाड़ी सिर्फ 6 महीने के अंदर रिटायर हो गए. रिटायरमेंट भी ऐसा, जिसमें अपनी मर्जी नहीं बल्कि मजबूरी नजर आई है. खास तौर पर पूर्व कप्तान और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली के अचानक संन्यास ने तो भारतीय क्रिकेट को हिलाकर रख दिया है. कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं लेकिन जो सबसे अहम पहलू नजर आ रहा है, वो हैं हेड कोच गौतम गंभीर, जिन्हें इन संन्यास की असली वजह बताया जा रहा है, जिसमें BCCI का उन्हें पूरा सपोर्ट रहा.
अधूरी रह गई विराट-रोहित की ख्वाहिश
पिछले साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच तीसरे टेस्ट मैच के बाद अचानक दिग्गज ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने संन्यास का ऐलान कर चौंका दिया. टीम इंडिया को इस सीरीज में करारी हार मिली. इस दौरान कप्तान रहे रोहित शर्मा और पूर्व कप्तान विराट कोहली का प्रदर्शन एकदम फीका रहा. इसके बाद से ही दोनों को ड्रॉप करने की मांग होने लगी थी. रोहित और कोहली फिर भी जून में होने वाले इंग्लैंड दौरे पर टीम का हिस्सा बने रहना चाहते थे.
मगर हर ख्वाहिश भी पूरी नहीं होती. सिर्फ एक हफ्ते के अंदर ही पहले रोहित और फिर कोहली ने संन्यास का ऐलान कर दिया. रोहित के संन्यास की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी लेकिन विराट भी संन्यास लेंगे, ये शायद ही किसी ने सोचा था. टेस्ट क्रिकेट में 10000 रन के इतने करीब आकर कोहली ने अचानक संन्यास क्यों लिया, ये सवाल हर किसी के मन में है. हालांकि, जवाब भी शायद सबको पता है- नए कोच गौतम गंभीर और अपनी टीम तैयार करने की उनकी ख्वाहिश.
गौतम गंभीर ने मांगा टीम का पूरा कंट्रोल
असल में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि मौजूदा हेड कोच गौतम गंभीर ने टीम इंडिया पर पूरी तरह अपना नियंत्रण मांगा. गंभीर ने बीसीसीआई के सामने खुली आजादी की मांग रखी ताकि न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट हार जैसे नतीजे फिर न झेलने पड़ें. गंभीर का इस तरह कंट्रोल मांगना इसलिए अहम है क्योंकि अभी तक भारतीय क्रिकेट में पिछले जितने भी कोच रहे, वो पर्दे के पीछे से ही काम करते रहे और कप्तान ही मुख्य भूमिका निभाता रहा था.
गैरी कर्स्टन से लेकर रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज कोच हमेशा टीम के कप्तान को पीछे से सपोर्ट करते रहे लेकिन टीम पर हमेशा कप्तान की ही छाप नजर आती रही है. गंभीर ऐसा नहीं चाहते और अपने मुताबिक टीम को चलाना चाहते हैं. यही कारण है कि सेलेक्शन से लेकर टीम के लिए 10 पॉइंट्स वाली पॉलिसी बनाने जैसे अहम फैसलों में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई है. ये वही 10 पॉइंट्स थे, जिन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिली शिकस्त के बाद BCCI ने अनौपचारिक तौर पर खिलाड़ियों को भेजा था. जाहिर तौर पर BCCI का पूरा सपोर्ट कोच को रहा है.
अगरकर के साथ मिलकर दिखाया बाहर का रास्ता
उनकी इस पॉलिसी का एक बड़ा पहलू ‘सुपरस्टार कल्चर’ खत्म करना है. इसका ही नतीजा रोहित और विराट के संन्यास के रूप में देखने को मिला. रिपोर्ट्स के मुताबिक, गंभीर ने ही चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर के साथ मिलकर दोनों दिग्गजों को साफ-साफ कहा कि वो उनकी फ्यूचर प्लानिंग का हिस्सा नहीं हैं. भविष्य की टीम बनाने के लिए गंभीर युवाओं को अभी से आगे बढ़ाना चाहते हैं. यही कारण है कि पिछले डेढ़ दशक से भारतीय क्रिकेट के दो सबसे बड़े चेहरों को मैदान से नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने पसंदीदा फॉर्मेट से संन्यास लेना पड़ा.