मुंबई टेस्ट में भी टीम इंडिया की राह नहीं आसान, वानखेडे में ऐसा है प्रदर्शन… – भारत संपर्क
1 नवंबर से मुंबई में टेस्ट सीरीज का तीसरा और आखिरी मैच शुरू होगा.Image Credit source: PTI
न्यूजीलैंड ने वो कमाल कर दिया है जिसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी, कम से कम मौजूदा न्यूजीलैंड की टीम से तो नहीं. भारत आकर टीम इंडिया को टेस्ट सीरीज में हराना किसी भी टीम के लिए इतने बरसों में संभव नहीं हो पाया लेकिन न्यूजीलैंड ने ऐसे वक्त में ये कर दिखाया जब टीम इंडिया को पहले से ज्यादा मजबूत समझा जा रहा था. पहले बेंगलुरु और फिर पुणे में न्यूजीलैंड ने टीम इंडिया को मात दी. अब आखिरी मुकाबला मुंबई में होने वाला है, जहां एक तरफ कीवी टीम के लिए इतिहास रचने का मौका है, तो वहीं टीम इंडिया के लिए अपनी लाज बचाने की चुनौती. वैसे तो टीम इंडिया ने ऐतिहासिक वानखेडे स्टेडियम में कई मैच जीते हैं लेकिन यहां उसका रिकॉर्ड बिल्कुल एकतरफा नहीं है. वहीं न्यूजीलैंड के लिए तो ये मैदान कई मायनों में बेहद खास है.
1 नवंबर से टेस्ट सीरीज का तीसरा और आखिरी मैच मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में खेला जाएगा. टीम इंडिया के पास ये आखिरी मौका होगा जहां वो न्यूजीलैंड को हराते हुए सीरीज का अंत कुछ बेहतर अंदाज में करना चाहेगी. वहीं लगातार 2 मैच जीतने के साथ ही सीरीज पर कब्जा कर चुकी न्यूजीलैंड की टीम ज्यादा आत्मविश्वास और बुलंद हौसलों के साथ इस मैच में उतरकर जीत दर्ज करना चाहेगी. अगर न्यूजीलैंड ऐसा करती है तो वो भारत आकर टीम इंडिया का क्लीन स्वीप करने वाली सिर्फ दूसरी टीम बन जाएगी, जबकि 3 मैच की सीरीज के सभी मैच जीतने वाली पहली टीम बन सकती है.
वानखेडे में कैसा है टीम इंडिया का रिकॉर्ड?
करीब 12 साल बाद घर में टेस्ट सीरीज हारने के कारण पहले ही टीम इंडिया की जमकर आलोचना हो रही है, ऐसे में मुंबई में जीत से कम कुछ बर्दाश्त नहीं होगा, नहीं तो फजीहत कई गुना होगी. लेकिन क्या टीम इंडिया के लिए ये इतना आसान होने वाला है? आखिर वानखेडे स्टेडियम के आंकड़े कहते क्या हैं? देखा जाए तो भारत के ज्यादातर मैदानों की तरह वानखेडे में भी टीम इंडिया की जीत का आंकड़ा ऊपर ही है. फिर भी ये बिल्कुल एकतरफा नहीं है. वानखेडे स्टेडियम में टीम इंडिया ने करीब 50 साल में कुल 26 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उसने 12 में ही जीत दर्ज की है. यानि आधे से भी कम मैच जीते हैं. वहीं 7 बार टीम इंडिया को हार मिली है, जो कि खेले गए मुकाबलों का करीब 30 फीसदी है. बचे हुए 7 मैच ड्रॉ रहे हैं.
न्यूजीलैंड के लिए खास है ये मैदान
यहां पिछला मैच 3 साल पहले 2021 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच ही खेला गया था और वो मैच टीम इंडिया ने जीता था. फिर भी ये मैदान न्यूजीलैंड के लिए खास है क्योंकि यहां उसके इतिहास के दो बेहतरीन पल आए हैं. बात 2021 वाले टेस्ट की ही करें, तो उस मुकाबले में न्यूजीलैंड के बाएं हाथ के स्पिनर एजाज पटेल ने पहली पारी में सभी 10 विकेट हासिल किए थे और ऐसा करने वाले क्रिकेट इतिहास के सिर्फ तीसरे ही गेंदबाज बने थे. वहीं 36 साल पहले 1988 में इसी मैदान पर उसने टीम इंडिया के खिलाफ अपनी पिछली जीत दर्ज की थी. उसके बाद कीवी टीम ने इसी बार भारत आकर कोई टेस्ट जीता. वैसे इस मैदान पर भारत-न्यूजीलैंड के बीच 3 टेस्ट खेले गए हैं, जिसमें 2 भारत के हिस्से आए और 1 न्यूजीलैंड के लिए. अब टीम इंडिया तो यही उम्मीद करेगी कि वो 2021 वाली सफलता दोहरा पाए.