39 साल का वो भारतीय जौहरी जो अमेरिका में बैठकर दे रहा था बड़ों बड़ों को चकमा, निकला… – भारत संपर्क

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39 साल का वो भारतीय जौहरी जो अमेरिका में बैठकर दे रहा था बड़ों बड़ों को चकमा, निकला… – भारत संपर्क
39 साल का वो भारतीय जौहरी जो अमेरिका में बैठकर दे रहा था बड़ों-बड़ों को चकमा, निकला इंटरनेशनल ट्रेड फ्रॉड का मास्टर

प्रतिकात्मक

भारतीय-अमेरिकी जौहरी पर करोड़ों डॉलर के अंतरराष्ट्रीय व्यापार धोखाधड़ी का आरोप लगा है. नाम मोनिश कुमार किरण कुमार दोशी शाह है. उम्र है 39 साल. मोनिश कुमार पर अमेरिका में बिना लाइसेंस के लाखों डॉलर का आभूषण आयात करने का आरोप लगा है. वो इस काम को इतने महीन तरीके से कर रहा था कि पुलिस को पता चलने में 9 साल लग गए. पिछले हफ्ते ही मोनिश कुमार को गिरफ्तार किया गया और 26 फरवरी को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश आंद्रे एम एस्पिनोसा के सामने पेश भी हुआ. हालांकि घर में नज़रबंदी और निगरानी के साथ 100,000 अमेरिकी डॉलर के बांड पर रिहा कर दिया गया.

मोनिश कुमार का पर्दाफाश कैसे हुआ

मोनिश कुमार जनवरी 2015 से सितंबर 2023 तक इस अवैध तरीके से बिजनेस कर रहा था. इस दौरान मोनिश कुमार शाह तुर्की और भारत से अमेरिका तक आभूषणों के शिपमेंट पर शुल्क से कैसे बचा जाए इस फिराक में रहता था. इसके लिए शाह ने कथित तौर पर दक्षिण कोरिया के माध्यम से शिपमेंट को फिर से भेजकर तुर्की और भारत से आभूषणों पर आयात शुल्क की चोरी की साजिश रची. इसके लिए दक्षिण कोरिया में शाह के साथी आभूषणों पर लेबल बदल देते थे ताकि यह बताया जा सके कि वे तुर्की या भारत के बजाय दक्षिण कोरिया से हैं. इसके बाद उन्हें अमेरिका में शाह या उसके ग्राहकों को भेज देते थे.वह अपने ग्राहकों को नकली चालान और पैकिंग लिस्ट बनाने का निर्देश भी देता था ताकि ऐसा लगे कि शाह की दक्षिण कोरियाई कंपनियां वास्तव में तुर्की या भारत से आभूषण ऑर्डर कर रही थीं. इस तरह गैरकानूनी तरीके से शुल्क से बच जाता था. मोनिशकुमार अवैध रूप से यह बिजनेस कर रहा है इसका पता चला एक शिकायत करने पर.

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कई कंपनियां खोली, एक भी रजिस्टर्ड नहीं

जुलाई 2020 से नवंबर 2021 तक, शाह ने न्यूयॉर्क शहर के डायमंड डिस्ट्रिक्ट में कई कथित आभूषण कंपनियों का संचालन किया, जिनमें MKore LLC, MKore USA Inc. और Vruman Corp शामिल हैं. दस्तावेज़ों में कहा गया है कि उसने इन संस्थाओं का इस्तेमाल ग्राहकों से नकदी इकट्ठा करने और नकदी को वायर ट्रांसफर या चेक में बदलने के लिए करता था. कई बार तो ऐसा भी हुआ कि शाह और उसके साथियों ने एक ही दिन में दस लाख डॉलर से अधिक नकदी ट्रांसफर की. शाह की कोई भी कंपनी न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी या वित्तीय अपराध प्रवर्तन नेटवर्क के साथ रजिस्टर्ड नहीं थी. शाह को दोषी साबित होने तक तो निर्दोष ही माना जाएगा लेकिन यह मामला अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वित्तीय प्रणालियों की प्रामाणिकता को बनाए रखने की कोशिश पर जोर देता है.

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