रेस्क्यू कर निकाला गया दबे दो ग्रामीणों का शव, तीसरे की…- भारत संपर्क
रेस्क्यू कर निकाला गया दबे दो ग्रामीणों का शव, तीसरे की अस्पताल में मौत, मुआवजा की मांग को लेकर हरदीबाजार थाना का घेराव, सरईसिंगार में चक्काजाम
कोरबा। एसईसीएल दीपका एरिया के बंद खदान में कोयला निकालने के दौरान मिट्टी गिरने से 3 ग्रामीण मलबे में दब गए। गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक रेस्क्यू अभियान चलाया गया, जिसमें दो लोगों का शव मलबे से बरामद कर लिया गया। वहींं एक अन्य ग्रामीण जिसे मलबे में दबा समझा जा रहा था, वह कुछ दूरी पर ही अचेत पड़ा हुआ था। गुरुवार को एक व्यक्ति को निकाल कर अस्पताल दाखिल कराया गया था। उसने भी उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। घटना के बाद ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। आक्रोशित ग्रामीणों ने हरदीबाजार थाना का घेराव और सरई सिंगार में चक्काजाम कर दिया। इस दौरान महिलाओं के झुमाझाटकी का आरोप लगाया गया है। दीपका थाना क्षेत्र के बम्हनीकोना निवासी प्रदीप पोर्ते (18), लक्ष्मण ओढ़े (17), शत्रुघन कश्यप (27) अमित श्रोते (17) व लक्ष्मण मरकाम हरदीबाजार गांव के केंवटाडबरी मोहल्ले के पीछे दीपका खदान के बंद फेस से गुरुवार को कोयला चोरी करने अवैध तरीके से खुदाई कर रहे थे, तभी दोपहर 3 बजे जमीन का बड़ा हिस्सा नीचे धंस गया। जिस जगह पर मलबा गिरने की यह घटना हुई है वह केंवटाडबरी मोहल्ले से 200 मीटर आगे है और यह फेस बंद है। एसईसीएल दीपका एरिया प्रबंधन इस फेस से खनन नहीं कर रहा है। इसी के दोनों ओर सुवाभोंडी व मलगांव फेस पर कोयला खनन जरूर हो रहा है। मलबा गिरने से दबने की सूचना पर ग्रामीण घटनास्थल पर पहुुंचे।हरदीबाजार चौकी से घटनास्थल नजदीक होने से पुलिस टीम मौके पर पहुंची। ग्रामीणों की मदद से मलबे में दबे दो घायलों को बाहर निकाला और हरदीबाजार अस्पताल ले जाया गया। घायल लक्ष्मण मरकाम के कमर व सीने में गंभीर चोटें आई है। उसे हरदीबाजार के पीएचसी से शहर के निजी अस्पताल में रेफर किया है, वहीं अमित श्रोते को चोटें आई और उसका इलाज स्वास्थ्य केन्द्र में जारी है। इधर मलबे में दबकर लापता हुए तीन अन्य ग्रामीण प्रदीप , लक्ष्मण ओढ़े, शत्रुघन कश्यप की खोजबीन शुरू की गई। एसईसीएल दीपका की रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंची। देर रात प्रबंधन ने रेस्क्यू अभियान चलाया। मलबा गिरने के दौरान घटनास्थल से दूर में रहने से चपेट में आने से बचे अमित श्रोते ने बताया कि बम्हनीकोना गांव के 5 ग्रामीण दीपका खदान के बंद फेस पर कोयला लेने आए थे, जिसे वह खाना बनाने जलाने के लिए उपयोग करते हैं। जब मलबा गिरा तो वह पूरा चपेट में आने से घटनास्थल से दूर रहने के कारण बच गया। इस कारण वह किसी तरह मलबे से बाहर निकल पाया। दीपका खदान के बंद पड़े सुरंग नुमा मुहाने से कोयला निकालते समय मिट्टी के मलवे में दबे तीन लोगों के सायकिल को एसईसीएल रेस्क्यू टीम ने कल खोजने में सफलता पाई थी। इसमें से दो लोगों की डेड बॉडी ही बाहर आ सकी।प्रदीप पोर्ते और शत्रुघ्न कश्यप की लाश शुक्रवार को मलबे से बाहर निकाली गई। वहीं लक्ष्मण ओढ़े ने अस्पताल में दम तोड़ दिया है।लक्ष्मण ओढ़े खदान में गिरा हुआ था। जिसपर किसी की नजर नही पड़ी थी। आज सुबह जीवित हालत में गंभीर अवस्था में मिला। लेकिन उसकी भी जान नहीं बचाई जा सकी।उसे काफी जद्दोजहद के बाद बाहर निकाल कर गेवरा के नेहरु शताब्दी चिकित्सालय में भिजवा दिया गया था। दीपका माइंस के बंद पड़े सुरंग नुमा हिस्से से कोयला निकालते समय कल मिट्टी के मलवे के नीचे दब गए थे। इन लोगों को पुलिस, एसईसीएल की संयुक्त रेस्क्यू करने के लिए कई टीमें प्रयास कर रही थी। शुक्रवार सुबह लगभग 5 बजे शव को बाहर निकालने में सफलता मिली। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक एवं एसईसीएल अधिकारियों की मौजूदगी में देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा। अंतत: 18 वर्षीय प्रदीप पोर्ते पिता परदेशी बम्हनी कोना और 24 वर्षीय शत्रुघ्न कश्यप पिता चमरु कश्यप की लाश को बाहर निकाल लिया गया। वहीं तीसरा लापता ग्रामीण 17 वर्षीय लक्ष्मण पोर्ते 60 फीट नीचे में गिरा मिला। रेस्क्यू टीम को घायल लक्ष्मण का हाथ दिखा और फिर उसे खदान से बाहर निकाल कर एसईसीएल के विभागीय अस्पताल नेहरू शताब्दी चिकित्सालय भिजवाया गया वहां से गहन चिकित्सा के लिए 100 बेड रेफर किया गया। इसी दरमियान ग्रामीणों और सुरक्षा कर्मियों के बीच तनातनी हो गई। आक्रोशित ग्रामीणों ने हरदी पुलिस थाना का घेराव कर दिया। सरई सिंगार में आक्रोशित ग्रामीणों का चक्का जाम शुरू हो गया। मृत ग्रामीणों के परिजनों के मुआवजा और घायलों के इलाज की मांग को लेकर उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिया। साथ ही हुज्जतबाजी करने वालों से माफी मांगने की मांग पर ग्रामीण अड़े रहे। ग्रामीण मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख को मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को रोजगार, खदानों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम, लापरवाह कर्मचारियों या अधिकारियों के ऊपर सख्त कार्रवाई की मांग करते रहे। साथ इस घटनाक्रम में जो दोषी अधिकारी हैं उन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग ग्रामीण कर रहे हैं।