कभी डूबने के कगार पर था देश का बैंकिंग सिस्टम, आज बना रहा नए…- भारत संपर्क
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प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को मुंबई में भारतीय रिवजर्व बैंक के बर्थडे के मौके में बोलते हुए कहा कि आरबीआई ने पिछले दस वर्षों में भारत के बैंकिंग सिस्टम और इकोनॉमी में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में बैंकिंग सिस्टम और इकोनॉमी को दुरुस्त करने में जितने भी काम हुए हैं, वो सिर्फ ट्रेलर है. पूरी फिल्म अभी बाकी है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर उन्होंने देश के बैंकिंंग सिस्टम को लेकर और क्या कहा है.
10 साल में बदली बैंकिंग सिस्टम की सूरत
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैलेंसशीट क्राइसिस, बैंकिंग सिस्टम में उथल-पुथल की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब उन्होंने 2014 में आरबीआई के 80वें जन्मदिन में भाग लिया था, तो स्थिति पूरी तरह से अलग थी. भारत का बैंकिंग सेक्टर चुनौतियों और समस्याओं से घिरा हुआ था. फिर चाहे वह एनपीए हो, या फिर सिस्टम की स्थिरता की कमी, हर कोई भविष्य को लेकर डरा हुआ था. स्थिति इतनी खराब थी कि सरकारी बैंकिंग सिस्टम देश की इकोनॉमिक ग्रोथ में कोई सहयोग नहीं कर पा रहा था. लेकिन आरबीआई और सरकार के अथक प्रयासों की वजह से स्थिति काफी बेहतर हो गई है.
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Address by Honble Prime Minister, Finance Minister and Governor, RBI on April 01, 2024.
— ReserveBankOfIndia (@RBI) April 1, 2024
उन्होंने कहा कि भारत का बैंकिंग सिस्टम पूरी दुनिया के लिए एक बेहतरीन केस स्टडी बन चुका है. उन्होंने कहा कि जो बैंकिंग सिस्टम चरमराने की कगार पर थी, आज वह मुनाफा कमा रही है और लोन देने में रिकॉर्ड कायम कर रही है. सिर्फ 10 वर्षों में इस तरह का बदलाव आसान नहीं था. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हमारी नीतियां, इरादे और निर्णय सही थे.पीएम मोदी ने कहा कि अब भविष्य के लिए आरबीआई को अलग तरीके से सोचना होगा. जिसके लिए उन्होंने आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को एक्सपर्ट बताया.