40 लाख में बनना था देश का पहला AIIMS, फिर बनते बनते क्यों लग…- भारत संपर्क

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40 लाख में बनना था देश का पहला AIIMS, फिर बनते बनते क्यों लग…- भारत संपर्क
40 लाख में बनना था देश का पहला AIIMS, फिर बनते बनते क्यों लग…- भारत संपर्क
40 लाख में बनना था देश का पहला AIIMS, फिर बनते-बनते क्यों लग गए 11 करोड़ से ज्यादा?

पंडित जवाहर लाल नेहरू ने देखा था पहले AIIMS का सपना

जिस AIIMS में इलाज कराने के लिए आज भी लोग महीनों इंतजार करते हैं. उसकी शुरुआत पंडित जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल में हुई थी. ये बात पहली बार साल 1956 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार को समझ आई कि देश के लिए बेहतर हेल्थ सुविधा जरूरी है. तब स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर हुआ करती थीं. बताया जाता है कि देश का पहला AIIMS बनाने के लिए कलकत्ता शहर का नाम फाइनल हुआ था.

आपको जानकर हैरानी होगी कि देश के पहले AIIMS के लिए जितना बजट अलॉट किया गया था. उतना में वह बन ही नहीं पाया. सरकार को उसके लिए डोनेशन तक मांगना पड़ गया था. आइए इस आर्टिकल में समझते हैं कि कितने रुपए का सरकार ने डोनेशन लिया था? आज के समय में वह कितना होगा. साथ ही यह भी समझेंगे कि इस समय मोदी सरकार एक AIIMS बनाने में कितना रुपए खर्च कर रही है.

40 लाख का था बजट

कोलकता तब कैलकटा के नाम से जाना जाता था, लेकिन वहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिधान चंद्र रॉय ने अड़ंगा लगा दिया और फिर एम्स दिल्ली में बना. वर्ष 1957-58 में AIIMS की स्थापना के लिए 40 लाख रुपए दिए गए, बाद में एम्स के लिए दूसरी पंचवर्षीय योजना में इसे बढ़ाकर 11.11 करोड़ रुपए कर दिया गया.

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सरकार को लेना पड़ा था डोनेशन

तीसरी पंचवर्षीय योजना खत्म होने तक भी फंड की कमी से निर्माण पूरा नहीं हो सका, तब सरकार ने रॉकफेलर फाउंडेशन से डोनेशन लिया. फाउंडेशन से ली गई डोनेशन की रकम 2 लाख अमेरिकी डॉलर थी, जो आज के हिसाब से 16.6 करोड़ रुपए के करीब होगी. इसका इस्तेमाल पुस्तकों, प्रकाशनों और वैज्ञानिक उपकरणों के लिए किया गया. आज के समय में जो मोदी सरकार AIIMS के लिए बजट का आवंटन कर रही है. उसकी औसत खर्च 1 हजार से 1500 करोड़ रुपए के करीब है.

मोदी ने लगाई AIIMS की हैट्रिक

मनमोहन सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल (2004-2014) में एक एम्स बनाने का ऐलान किया, जबकि 6 AIIMS चालू हुए. यह अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में ऐलान हुए थे. 2014 में मोदी सरकार सत्ता में आई. मोदी कैबिनेट ने 15 नए एम्स बनाने की स्वीकृति दी. आज भारत के 21 राज्यों में एम्स बन चुके हैं या बन रहे हैं. केवल दो राज्य ऐसे हैं उत्तर प्रदेश और बिहार जहां दो-दो एम्स हैं. बाकी 19 राज्यों में एक-एक एम्स हैं.

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