थम नहीं रहा पाकिस्तान में हिंसा का दौर, कराची में आपस में भिड़े चुनावी दलों के…
आम चुनावों से पहले पाकिस्तान के कराची में फिर हिंसा
पाकिस्तान में आने वाली आठ फरवरी को चुनाव होने वाले हैं. पड़ोसी देश की जनता अपने वजीर-ए-आजम का चुनाव करने वाली है. लेकिन पाकिस्तान में सियासत का खेल हमेशा खूनी ही रहा है. यहां का सियासी इतिहास रक्तरंजित है और एक बार फिर से आगामी चुनावों से पहले पड़ोसी देश में हालात बेहद नाजुक दौर में हैं. पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में बीते कुछ दिनों में चुनावी हिंसा काफी बढ़ी है. सोमवार को नाजिमानाड में हिंसक झड़पें हुईं जिसमें एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए.
पाकिस्तान के शहर कराची में आने वाले चुनावों से पहले हिंसा काफी बढ़ गई है. सोमवार को नाजिमानाड में हुई हिंसक झड़प के दौरान इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी के कार्यकर्ताओं के साथ हुई गोलीबारी में मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम पाकिस्तान) के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए. बता दें कि एक-दूसरे को पटखनी देने में जुटे दलों के बीच पहले भी कई बार झड़प हो चुकी है.
ये भी पढ़ें- आर्थिक संकट में उलझा पाकिस्तान, चुनाव प्रचार में नवाज शरीफ ने पहनी 1 लाख की टोपी, भड़के लोग
क्यों हुई हिंसा?
खबरों के मुताबिक संसद में निर्वाचन के साथ-साथ विधानसभा सीटों पर लड़ने वाली राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता प्रतिद्वंद्वियों को मात देने के लिए हिंसा का रास्ता चुन रहे हैं. नाजिमानाड की घटना से एक दिन पहले रविवार को क्लिफ्टन इलाके में पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज की खबर सामने आई थी. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के समर्थकों पर भी पुलिस ने बलप्रयोग किया था. इसके ठीक एक दिन बाद नाजिमानाड पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ गोलीबारी के दौरान मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई. इस हिंसक झड़प में तीन लोग घायल भी हो गए.
ये भी पढ़ें- पाकिस्तान में पुरानी करेंसी होगी बंद, क्यों छापे जा रहे नये नोट?
पीपीपी का गढ़ कराची
सिंध और कराची को पीपीपी का गढ़ माना जाता है. इसके बावजूद मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में हालात बदलने की पूरी संभावना है. ऐसा इसलिए क्योंकि नवाज की पार्टी के अलावा भी कई अन्या पार्टियां और स्वतंत्र उम्मीदवार कराची में ताल ठोक रहे हैं. ऐसे में कहीं ना कहीं हिंसा को अपने पाले में गेंद करने का सबसे अच्छा विकल्प माना जा रहा है. पिछले हफ्ते से चुनाव प्रचार शुरू हुआ है. प्रचार के दौरान कई क्षेत्रों में पीपीपी, पीटीआई और एमक्यूएम-पी के समर्थकों के बीच झड़प की खबरें सामने आ चुकी हैं.