न्यूजीलैंड का इतिहास नहीं वर्तमान कर रहा परेशान, टीम इंडिया के लिए फाइनल जी… – भारत संपर्क

टीम इंडिया के लिए न्यूजीलैंड से ज्यादा आसान साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल हो सकता था.Image Credit source: PTI
वर्ल्ड कप 2019 का सेमीफाइनल, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और वर्ल्ड कप 2023 सेमीफाइनल के बाद एक बार फिर भारत और न्यूजीलैंड एक नॉकआउट मुकाबले में आमने-सामने हैं. इस बार मुकाबला चैंपियंस ट्रॉफी के खिताब के लिए होने वाला है क्योंकि भारत-न्यूजीलैंड के बीच 9 मार्च को टूर्नामेंट का फाइनल होने जा रहा है. टीम इंडिया ने पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई, जबकि न्यूजीलैंड ने साउथ अफ्रीका को शिकस्त दी. अब भारतीय क्रिकेट फैंस तो बदले की बातें कर रहे हैं लेकिन सच्चाई ये है कि साउथ अफ्रीका की हार टीम इंडिया के लिए अच्छी खबर नहीं है क्योंकि न्यूजीलैंड को हराने टेढ़ी खीर साबित हो सकता है.
पिछले करीब ढाई दशक में आईसीसी टूर्नामेंट्स में अगर किसी एक टीम ने भारत को सबसे ज्यादा परेशान किया है तो वो न्यूजीलैंड ही है. आईसीसी नॉक आउट का फाइनल हो या फिर वर्ल्ड कप 2019 का सेमीफाइनल हो या फिर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल हो, जब-जब भारतीय टीम खिताब जीतने की स्थिति में दिखी, तब-तब न्यूजीलैंड ने भारत को चोट पहुंचाई है. ऐसे में न्यूजीलैंड का फिर से भारत के खिलाफ फाइनल में होना, टीम इंडिया के फैंस को परेशान तो कर रहा है. हालांकि, इसी टूर्नामेंट में पिछले रविवार को ही टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को शिकस्त दी थी, फिर भी एक डर है.
साउथ अफ्रीका से टक्कर हो सकती थी आसान
मगर इस बार की सच्चाई और चिंता इससे अलग है. इस बार बात पुराने रिकॉर्ड की नहीं है. मौजूदा टीम इंडिया के पास पुराने सारे रिकॉर्ड को भूलकर कीवी टीम को हराकर खिताब जीतने की काबिलियत है, मगर देखा जाए तो भारतीय टीम के लिए साउथ अफ्रीका की सेमीफाइनल में हार बुरी खबर लेकर आई है. इसकी वजह दोनों टीमों की बुनावट और फाइनल का वेन्यू है, जहां मिचेल सैंटनर की कप्तानी वाली न्यूजीलैंड की टीम भारत के लिए ज्यादा बड़ा खतरा है.
असल में ये फाइनल मैच दुबई के दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला जाना है, जहां टीम इंडिया ने सेमीफाइनल समेत अपने चारों मैच खेले थे. ऐसे में भारतीय टीम के पास अनुभव है. साथ ही टीम इंडिया के पास इस मैदान की परिस्थितियों के मुताबिक खिलाड़ी हैं, जिसमें स्पिन-हैवी बॉलिंग अटैक सबसे अहम है. टीम इंडिया ने इस टूर्नामेंट में अभी तक कम से कम 3 स्पिनर्स (2 स्पिन ऑलराउंडर) को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया है, जबकि पिछले 2 मुकाबलों में तो 4 स्पिनर्स के साथ टीम मैदान पर उतरी और इसका फायदा भी उसे मिला.
न्यूजीलैंड फाइनल में करेगा बहुत परेशान
इस बात की संभावना है कि फाइनल में भी टीम इंडिया इसी लाइन-अप के साथ उतरेगी. अब अगर साउथ अफ्रीका अपने सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड को हरा देती तो टीम इंडिया को इसका फायदा मिल सकता था क्योंकि भारतीय टीम के पास क्वालिटी स्पिन-अटैक है जबकि साउथ अफ्रीका इस मामले में एकदम कमजोर है. उसके पास एक मुख्य स्पिनर और एक पार्ट टाइम स्पिनर था. साथ ही उसने दुबई में एक भी मैच नहीं खेला था और यहीं न्यूजीलैंड की टीम भारत के लिए बड़ी चुनौती है.
टीम इंडिया की तरह ही न्यूजीलैंड के पास भी 4 स्पिनर्स (2 पार्ट टाइम स्पिन ऑलराउंडर) हैं और काबिलियत के मामले में वो भी भारतीय स्पिनर्स से ज्यादा पीछे नहीं हैं. ग्रुप स्टेज के मुकाबले में इन कीवी स्पिनर्स ने टीम इंडिया को परेशानी में डाला भी था. इतना ही नहीं, इस कीवी टीम को दुबई की मौजूदा परिस्थितियों में खेलना का अनुभव भी हो चुका है, जिसके चलते वो हालातों से तालमेल बिठाकर भारत के लिए चुनौती खड़ी कर सकते हैं. यानि ये फाइनल भारत के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं होने वाला और 9 मार्च को कुछ भी हो सकता है.