बुरी तरह जल रहा ‘धरती का फेफड़ा’, 25 सालों में सबसे भयावह हालात, नहीं कोई शुभ संकेत |… – भारत संपर्क


फाइल फोटो, अमेजन के जंगल, ब्राजील
ब्राजील के अमेजन के जंगलों को ‘धरती का फेफड़ा’ कहा जाता है मगर हम लगातार यह देख और पढ़ रहे हैं कि गुजरते वक्त के साथ अमेजन के जंगल बड़े पैमाने पर साफ हो रहे हैं. इस सिलसिले में एक रिकॉर्ड बना है जो पर्यावरण के फिक्रमंद लोगों के लिए कहीं से भी शुभ संकेत नहीं हैं.
1999 में अमेजन के जंगलों के जलने की घटनाओं को रिकॉर्ड करना शुरू किया गया. उस के बाद से हर महीने जलने वाले जंगलों की संख्या नोट की जाती रही मगर बीता महीना, फरवरी का इस हवाले से सबसे अधिक चिंताजनक रहा. 1999 के बाद से अब तक फरवरी में सबसे ज्यादा जंगलों में आग इसी महीने लगी है. कल समाप्त हुए महीने में जंगलों में करीब 3 हजार आग लगने की घटनाएं हुईं.
पिछले साल से चार गुना बढ़ी संख्या
पहले भी और इस दफा भी जलवायु परिवर्तन को इस तरह के दावानल की सबसे बड़ी वजह माना जाता रहा है. ब्राजील की संस्था ‘आईएनपीई स्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ जंगलों में लगने वाली आग की पूरी संख्या रखती है. इस संस्था ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि 2024 के फरवरी महीने में अमेजन के जंगलों में 2 हजार 940 आग लगने की घटनाएं हुईं.
ये संख्या फरवरी 2007 जो अब तक का रिकॉर्ड था, उससे 67 प्रतिशत अधिक थी. वहीं, 2023 यानी पिछले साल फरवरी की तुलना में जंगलों में आग लगने की घटनाओं में चार गुना इजाफा हुआ है. ब्राजील का उत्तरी इलाका इन घटनाओं से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. दिन ब दिन बढ़ता तापमान, सूखे की भीषण समस्या इस संकट की सबसे बड़ी वजह बनकर उभरा है.
ब्राजील के नए राष्ट्रपति का वादा
पिछले साल की बात है, बड़े पैमाने पर अमेजन के जंगलों में आग लगी. इसका नतीजा ये हुआ कि इलाके का जल स्तर काफी नीचे चला गया. पर्यावरण बर्बाद हुआ और लाखों की संख्या में लोग इससे प्रभावित हुए, उनका जीना मुहाल हो गया, उन्हें विस्थापित तक होना पड़ा.
हालांकि, ध्यान रहे, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा के सत्ता में आने के बाद ब्राजील के जंगलों की कटाई पिछले साल आधी रह गई मगर फिर भी इसी दौरान ब्राजील के 5 हजार 152 स्क्वायर किलोमीटर के इलाके में फैले जंगल का जलना बड़े पर्यावरणीय खतरे की ओर इशारा कर रहा है.
राष्ट्रपति लूला के चुने जाने की एक वजह उनका यह वादा भी था कि उनकी सरकार बनने पर वे अवैध तरीके से काटे जा रहे जंगलों पर रोक लगाएंगे और 2030 तक इसे पूरी तरह समाप्त कर देंगे. कहा जाता है कि लूला से पहले राष्ट्रपति रहे जायर बोलसोनारो के कार्यकाल के दौरान (2019 से 2022 के बीच) जंगल 75 फीसदी अधिक काटे गए.