मोबाइल विवाद में युवक की हत्या, पुलिस की लापरवाही उजागर –…- भारत संपर्क


बिलासपुर। शहर में हुई एक दर्दनाक घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शुक्रवार शाम सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के जवाली नाला, यादव होटल के पास मोबाइल विवाद में एक युवक ने अपने दोस्त की चाकू मारकर हत्या कर दी। घटना के बाद घायल युवक काफी देर तक सड़क पर तड़पता रहा, लेकिन समय रहते उसे बचाया नहीं जा सका।
घटना में मृतक की पहचान डोंगा घाट निवासी दीपक उर्फ दादू साहू के रूप में हुई है, जबकि आरोपी पचरी घाट निवासी गणेश रजक है, जो वारदात के समय नशे की हालत में था। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच मोबाइल को लेकर पिछले कुछ दिनों से विवाद चल रहा था।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मृतक दीपक साहू ने वारदात से दो दिन पहले ही अपनी सुरक्षा को लेकर पुलिस से मदद मांगी थी। 5 अगस्त की रात वह सिटी कोतवाली थाना पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई थी कि गणेश रजक ने उसके साथ बेल्ट से मारपीट की है। शिकायत के बाद पुलिस ने उसका मुलाहिजा तो कराया, लेकिन किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की। सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) गजेंद्र शर्मा ने मामले को गंभीरता से लेने के बजाय दीपक को चलता कर दिया।
लापरवाही के चलते हुई इस हत्या को पुलिस महकमे ने गंभीर चूक माना है। एसएसपी रजनेश सिंह ने स्पष्ट कहा कि यह थाना प्रभारी की नाकामी और स्टाफ पर नियंत्रण की कमी का नतीजा है। घटना के बाद उन्होंने तत्काल सख्त कार्रवाई करते हुए सिटी कोतवाली थाना प्रभारी विवेक पांडे को हटाकर लाइन अटैच कर दिया। वहीं, एएसआई गजेंद्र शर्मा को निलंबित कर दिया गया है। उनके स्थान पर देवेश सिंह राठौड़ को नया थाना प्रभारी नियुक्त किया गया है।
एसएसपी रजनेश सिंह ने कहा, “पुलिस की किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी में कोताही बरतेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
यह मामला न केवल पुलिस की निष्क्रियता और गैर-जिम्मेदारी को उजागर करता है, बल्कि इस बात का भी उदाहरण है कि समय रहते कार्रवाई होती तो एक निर्दोष की जान बचाई जा सकती थी। अब सवाल यह है कि क्या इस कार्रवाई के बाद पुलिस का रवैया बदलेगा और जनता की सुरक्षा के प्रति उनकी जिम्मेदारी में सुधार आएगा?
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