बिहार के लोगों के अधिकारों पर डाला जा रहा है डाका… वोटर लिस्ट में संशोधन…


पवन खेड़ा (फाइल फोटो)
बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए पटना में महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि “यह केवल वोटर लिस्ट का संशोधन नहीं, बल्कि बिहार के लोगों की नागरिकता और अस्तित्व पर हमला है.”
खेड़ा ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस तरह की प्रक्रिया शुरू कर चुनाव आयोग बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा, बिहार में लोगों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है. गहन पुनरीक्षण के नाम पर नागरिकों से उनकी नागरिकता साबित करने को कहा जा रहा है. ये खुलेआम साजिश है.
चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों पर उठाए सवाल
उन्होंने विशेष रूप से गिनवाया कि नए दिशा-निर्देशों के तहत विभिन्न आयु वर्ग के मतदाताओं से किस तरह के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे लोगों को अपनी जन्म तिथि या स्थान से जुड़ा वैध दस्तावेज देना होगा.
बिहार के लोगों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है। बिहार में विधान सभा चुनाव से ठीक पहले साजिशन मतदाताओं का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) किया जा रहा है। इसमें घर-घर जाकर वोटरों को सत्यापित किया जाएगा और उनसे उनकी नागरिकता साबित करने को कहा जाएगा।
ये खुले तौर से साजिश है, डाका है। pic.twitter.com/FRI42ts63p
— Congress (@INCIndia) June 27, 2025
उन्होंने कहा कि 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे लोगों को अपने साथ-साथ माता-पिता में से किसी एक का वैध दस्तावेज भी देना होगा. 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे मतदाताओं को खुद और अपने माता-पिता दोनों के दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे.
पवन खेड़ा ने बीजेपी पर बोला हमला
खेड़ा ने सवाल उठाया कि “जब लोकसभा चुनाव इसी वोटर लिस्ट पर हुआ था, तो विधानसभा चुनाव के लिए इसमें संशोधन क्यों?” उन्होंने यह भी पूछा कि जब बिहार के कई क्षेत्र बाढ़ और मानसून से प्रभावित हैं, तो क्या इस पूरे सत्यापन अभियान को एक महीने में ईमानदारी से चलाया जा सकता है?
बीजेपी पर हमला बोलते हुए पवन खेड़ा ने कहा, जब भी बीजेपी संकट में होती है, वो चुनाव आयोग की शरण में जाती है. चुनाव आयोग अब मोदी जी के तीन बंदरों जैसा बर्ताव कर रहा है-ना कुछ सुनता है, ना देखता है और ना ही बोलता है.
महागठबंधन के अन्य नेताओं ने भी इस प्रक्रिया को लेकर गहरी आपत्ति जताई है और इसे लोकतंत्र पर खतरा बताया है. विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से इस प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की है.