ग्राम लोफंदी में एक के बाद एक आठ लोगों की मौत का रहस्य…- भारत संपर्क

बिलासपुर के कोनी स्थित ग्राम लोफंदी में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से सात से आठ व्यक्तियों की मौत की खबर है। वही चार से अधिक गंभीर रूप से पीड़ित है। हालांकि जिला प्रशासन ने इसे फूड प्वाइजनिंग का मामला बताया है । लोफंदी में सरपंच के भाई समेत 7 लोगों की एक-एक कर मौत हो गई ।बताया जा रहा है कि मृतकों ने खून की उल्टी की और फिर उनका शरीर काला पड़ गया। पूरे मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है।

गांव में बुधवार को पहली मौत हुई । फिर दो और लोगों की जान चली गई। इसे सामान्य बीमारी समझकर उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। मगर शुक्रवार की रात एक साथ चार लोगों ने दम तोड़ दिया, तो फिर यह बात फैल गई कि महुआ शराब पीने से उनकी मौत हुई है। जहरीली शराब पीकर जान गंवाने वालों में सरपंच रामाधार सुनहले का भाई रामू सुनहले भी शामिल है।
पुलिस को जानकारी हुई और वह गांव पहुंची तब तक इन शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। किसी तरह पुलिस ने एक शव को पोस्टमार्टम के लिए हासिल किया और उसे अस्पताल भेजा ।
मृतकों के परिजनों का मानना है कि इन लोगों ने जहरीली शराब पी थी, इसका असर धीरे-धीरे हुआ और उनका शरीर काला पड़ गया। इन लोगों ने यह भी बताया कि गांव में आसानी से महुआ शराब मिलता है। सस्ता होने की वजह से ग्रामीण इसे पीते हैं और इस वजह से उनकी जान चली जाती है। ग्रामीणों का कहना यह भी है कि अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि चार लोग सिम्स में भर्ती है।

प्रशासन का कुछ और ही है तर्क
प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई थी, मौके पर पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला पंचायत, नगर निगम आयुक्त एसडीएम और स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची थी। मौके पर पूछताछ की गई तो पता चला कि ग्राम लोफंदी में रहने वाले श्रवण देवांगन के घर पर वैवाहिक कार्यक्रम था। 3 से 6 फरवरी के बीच आयोजित कार्यक्रम में यह लोग शामिल हुए थे। सामूहिक भोज के दौरान फूड प्वाइजनिंग की बात कही जा रही है।
तो वहीं एक दूसरी थ्योरी यह भी निकल कर आई है कि कुछ ग्रामीण 6 फरवरी को नदी गए थे, जहां मछली पकड़ कर, वही नदी किनारे उसे पकाकर इन लोगों ने खाया था। इसके बाद उन्हें पेट दर्द, उल्टी चक्कर , सुस्ती की समस्या हुई। यह भी कहा जा रहा है कि मृतकों में से एक की मौत सर्पदंश से हुई है। कुछ पहले से ही बीमार भी बताये जा रहे हैं।

यहां से हुई मौत की शुरुआत
5 फरवरी को सबसे पहले देव प्रसाद पटेल की मौत हुई। पुलिस रिकॉर्ड में मृत्यु का कारण सर्प दंश बताया गया है। इधर 7 और 8 फरवरी को पांच और लोगों की मौत हो गई, जिसमें रामू राम सुनहले, कोमल लहरे, कन्हैया पटेल, बलदेव पटेल और कुन्नू देवांगन शामिल है।

बलदेव पटेल की मौत श्री राम केयर अस्पताल में हुई थी जिसके मृत्यु का कारण कार्डियक और रेस्पिरेटरी अरेस्ट लिखा गया है। 8 फरवरी तक 1 मृतक को छोड़कर बाकी मृतकों का अंतिम संस्कार ग्रामीणों ने कर दिया था, जिसकी सूचना पुलिस और अन्य विभाग को नहीं दी गई थी। बाद में मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने मृतक रामू राम सुनहले के शव को बरामद किया और उसे पोस्टमार्टम के लिए सिम्स भेजा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मृत्यु का कोई विशेष कारण स्पष्ट नहीं हुआ है । बिसरा, हिस्टोपैथोलॉजी एवं ब्लड एनालिसिस रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारण का पता चलेगा।

इस घटना से पूरे गांव में कोहराम मचा हुआ है। वर्तमान में पूरे गांव में स्वास्थ्य विभाग, खाद्य सुरक्षा विभाग, मितानिन और नगर निगम की एमएमयू यूनिट द्वारा विशेष स्वास्थ्य केंद्र लगाया गया है जिनके द्वारा डोर टू डोर जाकर सब की जांच की जा रही है और जरूरत पड़ने पर उन्हें दवा दी जा रही है।
अब तक इनकी हुई है मौत
1. कन्हैयालाल पटेल पिता चैतराम पटेल उम्र 60 वर्ष
2. शत्रुहन देवांगन पिता महेत्तर देवांगन उम्र 40 वर्ष
3. बलदेव पटेल पिता छेदीलाल पटेल उम्र 52 वर्ष
4. कोमल प्रसाद लहरे पिता गया राम लहरे उम्र 56 वर्ष।
5. रामूराम सुनहले पिता बबईस सुनहले उम्र 59 वर्ष।
6. कुन्नू देवांगन (नान्हु) पिता बाबा देवांगन उम्र 35 वर्ष।
7. देव कुमार पटेल पिता चैतराम पटेल उम्र 45 वर्ष।
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