महिला को सच में हो गई शॉपिंग वाली बीमारी, नींद में ही खरीदने लगी सामान, 3 लाख का चढ़ा…


महिला को हुई शॉपिंग वाली बीमारी (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
शॉपिंग करना तो आम बात है. हर कोई करता है, लेकिन कुछ लोगों को शॉपिंग की भी एक लत लग जाती है. फिर वो जहां भी जाते हैं, वहां से कुछ न कुछ सामान खरीदते जरूर हैं और अगर कहीं नहीं जा पाते तो फिर ऑनलाइन ही कुछ न कुछ ऑर्डर कर लेते हैं. वैसे महिलाओं को लेकर अक्सर ये बातें होती हैं कि वो शॉपिंग करने में बहुत आगे रहती हैं. ऐसे में कुछ लोग मजाक-मजाक में ये कह भी देते हैं कि तुम्हें तो शॉपिंग की बीमारी ही हो गई है, पर क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसी महिला भी है, जिसे सच में शॉपिंग वाली बीमारी हो गई है?
इस महिला का नाम केली नाइप्स है, जो एसेक्स के बेसिलडन की रहने वाली है. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, 42 साल की केली ने साल 2006 में अपने पहले बच्चे हेनरी को जन्म दिया था, तब उन्होंने महसूस किया कि उन्हें नींद में चलने की बीमारी हो गई है, लेकिन नींद में चलने की यह आदत जल्द ही नींद में शॉपिंग करने में कैसे बदल गई, ये उन्हें भी पता नहीं चला. नींद में शॉपिंग की इस आदत की वजह से उनके ऊपर तीन लाख का कर्जा ही चढ़ गया. हालांकि बाद में उन्होंने इस कर्ज को चुका दिया था.
नींद में ही हो गई ठगी का भी शिकार
सबसे हैरान करने वाली बात तो ये थी कि नींद में ही केली के साथ धोखाधड़ी भी हो गई. उन्होंने नींद में ऑनलाइन शॉपिंग करते समय एक संदिग्ध साइट पर अपना बैंक डिटेल भर दिया था. हुआ ये था कि बीते मार्च महीने में केली को एक स्पैम मैसेज मिला था, जिसमें उनके बकाया बिल के लिए वित्तीय सहायता की पेशकश की गई थी. अब सोते समय उन्होंने गलती से ठगों को अपनी वित्तीय जानकारी दे दी और तब से कई बार उन्हें ठगा जा चुका है. उन्हें शक है कि ठगों ने उनकी बैंक डिटेल्स को बेच दिया है, इसीलिए वो बार-बार ठगी का शिकार हो जाती हैं.
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इस दुर्लभ बीमारी का है शिकार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, केली को पैरासोमनिया नाम की एक दुर्लभ बीमारी हो गई है, जिसकी वजह से वो नींद में ही शॉपिंग भी करने लगती हैं. डॉक्टर बताते हैं कि पैरासोमनिया नींद से संबंधित एक विकार है, जिसमें सोते समय इंसान असामान्य हरकतें करने लगता है, जिसमें नींद में चलना, बोलना आदि शामिल हैं. केली को लगता है कि यह बीमारी उनकी स्लीप एपनिया की वजह से हुई है, जिसमें वह नींद में सांस लेना बंद कर देती हैं. स्लीप एपनिया उनके मस्तिष्क को आंशिक रूप से जागने के लिए मजबूर करता है और उन्हें नींद में ही काम करने के लिए मजबूर करता है, जिसमें ऑनलाइन शॉपिंग करना भी शामिल है.