इमरान खान की गिरफ्तारी में हुआ बवाल ‘देश के साथ युद्ध’, रिपोर्ट में कमेटी | pakistan… – भारत संपर्क

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इमरान खान की गिरफ्तारी में हुआ बवाल ‘देश के साथ युद्ध’, रिपोर्ट में कमेटी | pakistan… – भारत संपर्क
इमरान खान की गिरफ्तारी में हुआ बवाल 'देश के साथ युद्ध', रिपोर्ट में कमेटी

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान. (फाइल फोटो)

पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने जा रहे हैं. इमरान खान अभी जेल में हैं और चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. इस बीच उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के लिए बुरी खबर आई है. दरअसल पाकिस्तान के पंजाब गृह विभाग ने सरकार को रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट में 9 मई, 2023 को लाहौर में हुई हिंसा के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के केंद्रीय नेतृत्व और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया गया है.

कानून और व्यवस्था पर स्टैंडिंग कमेटी की ओर से तैयार की गई 17 पन्नों की रिपोर्ट में हिंसा को ‘सरकार के खिलाफ युद्ध’ बताया गया है और राज्य संस्थानों पर हमले की तुलना तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की कार्रवाइयों से की गई है. नियमों के मुताबिक रिपोर्ट को सरकारी दस्तावेजों का नियमित हिस्सा बना दिया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की योजना पहले बनाई गई थी.

9 मई 2023 को क्या हुआ था?

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को 9 मई को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर से अरेस्ट किया गया था. इमरान खान की गिरफ्तारी को उनके समर्थकों ने गैरकानूनी बताया. इसके बाद विरोध शुरू कर दिया और देखते ही देखते इस विरोध ने हिंसक रूप ले लिया. पीटीआई कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर, समेत देश भर के शहरों में तोड़फोड़ शुरू कर दी, छोटे-बड़े वाहनों को आग लगानी शुरू कर दी. हिंसा को शहबाज सरकार ने सैन्य अपराध माना था.

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रिपोर्ट में है इन बातों का जिक्र

सुनियोजित हमला: रिपोर्ट में पीटीआई कार्यकर्ताओं पर पूर्व नियोजित कार्रवाई का आरोप लगाया गया है. जिसमें गवर्नर हाउस, कोर कमांडर हाउस, आईएसआई कार्यालय, जीएचक्यू, एयरबेस, शहीद स्मारक और किसी भी संबंधित इमारतों को निशाना बनाना शामिल है.

केंद्रीय नेतृत्व जिम्मेदार: रिपोर्ट में केंद्रीय और स्थानीय पीटीआई नेतृत्व दोनों को जिम्मेदार ठहराया गया है. जिसमें हम्माद अजहर, डॉ. यास्मीन राशिद, इजाज चौधरी, गुलाम मोहिउद्दीन, मियां महमूदुर राशिद, उमर सरफराज चीमा, मनसब अवान, आजम खान नियाजी और बजाश नियाजी जैसे व्यक्तियों का नाम शामिल हैं.

सोशल मीडिया पर उकसाना: रिपोर्ट में पीटीआई कार्यकरताओं पर सोशल मीडिया के जरिए हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है.

वित्तीय नुकसान: जिन्ना हाउस पर हमले में कथित तौर पर 1.5 अरब रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था. रिपोर्ट में व्लॉगर आदिल राजा, पत्रकार डॉ. मोईद पीरजादा और साबिर शाकिर और अन्य पर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को भड़काने का भी आरोप लगाया गया.

पीटीआई ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया

हालांकि पीटीआई नेतृत्व ने अभी तक रिपोर्ट के निष्कर्षों पर आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन आरोपों से पार्टी और वर्तमान सरकार के बीच तनाव और बढ़ने की संभावना है. यह रिपोर्ट संभावित रूप से नामित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी. जिसकी वजह से आगामी चुनावों पर भी असर पड़ सकता है.

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