मसालों के फॉर्मूले के साथ नहीं होगी कोई छेड़छाड़, FSSAI ने…- भारत संपर्क
मसाला (फाइल)
सिंगापुर-हांगकांग की कोर्ट ने जब से मसाला बनाने वाली कंपनी पर प्रतिबंध लगाया है. इसके बाद से भारतीय फूड पर निगरानी रखने वाली सरकारी संस्थान फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया(FSSAI) भी एक्शन मोड में आ गई है. एफएसएसएआई ने सभी ब्रांड्स के मसालों के जांच का आदेश दिया है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लंबे समय तक इन कंपनियों के मसालों का सेवन करने या संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा है.
नियामक ने दिए जांच के आदेश
नियामक ने अपने अधिकारियों को सभी मसाला मैन्युफैक्चरिंग में व्यापक निरीक्षण, नमूना कलेक्ट करने और उसके जांच का आदेश दिया है. बताया जा रहा है कि नियामक ने करी पाउडर और मिक्स मसाला बनाने वाली कंपनियों पर अधिक ध्यान देने को कहा है. इसने राज्य सरकारों को मसालों का परीक्षण करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया है. मसालों के अलावा एफएसएसएआई अन्य खाद्य पदार्थों जैसे फोर्टिफाइड चावल और डेयरी उत्पादों पर भी निगरानी शुरू करने की योजना बना रही है.
सभी मसालों पर लागू होंगे ये नियम
बता दें कि भारत के मसाला बोर्ड ने हांगकांग और सिंगापुर को एक्सपोर्ट किए जाने वाले सभी मसालों के लिए ईटीओ के लिए परीक्षण अनिवार्य कर दिया है. 6 मई से परीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है. बोर्ड ने कहा है कि सिंगापुर और हांगकांग के लिए रेडी-टू-ईट (आरटीई) उत्पादों सहित सभी मसालों की खेप के साथ स्पाइसेस बोर्ड द्वारा जारी ईटीओ के लिए एक स्पष्ट विश्लेषणात्मक रिपोर्ट अटैच की जाएगी.
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भले ही भारतीय अधिकारियों ने 30 मसालों के लिए मानक तय किए हैं, लेकिन हांगकांग, सिंगापुर और अमेरिका जैसे देशों के अपने नियम हैं, जो विशेषज्ञों के अनुसार भारत की तुलना में सख्त हैं. हांगकांग ने पिछले महीने दो कंपनियों के मसालों पर बैन लगा दिया था. सिंगापुर ने वापस से उसे बिक्री करने का आदेश दे दिया था.
डाबर ने दी जानकारी
डाबर के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने कहा है कि सिंगापुर और हांगकांग में मसालों के ब्रांड पर प्रतिबंध लगाने की खबरें पूरी सच नहीं है और आदेश केवल उत्पादों को वापस बुलाने और उन्हें आगे के निरीक्षण के लिए अस्थायी रूप से रखने के लिए दिए गए थे. हमारे सभी मसाले भारतीय बाजारों के लिए एफएसएसएआई और विदेशी बाजारों के लिए भारतीय मसाला बोर्ड द्वारा स्थापित नियमों का अनुपालन करते हैं. सभी निर्यात खेपों का परीक्षण मसाला बोर्ड द्वारा किया जाता है और उनके नियमों और विशिष्टताओं का अनुपालन करने के बाद ही उन्हें भेजा जाता है.