Adhik pani peene par Nazar aa sakte hain ye 6 sanket. – अधिक पानी पीने पर…
पानी को अवशोषित करने की शरीर की अपनी एक क्षमता होती है। वहीं जब हम बिना सोचे समझे लगातार पानी पीते जाते हैं, तो इससे बॉडी में पानी जमा हो सकता है।
गर्मी के मौसम में हमें लगातार पानी पीने को कहा जाता है। गर्मी के मौसम में होने वाली सभी समस्याओं का इलाज पानी बताया जाता है। हालांकि, यह पूरी तरह से सच है, केवल गर्मी में ही नहीं हर मौसम में पानी हमारे शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। जिस प्रकार किसी भी चीज की अधिकता उचित नहीं होती है, ठीक उसी प्रकार पानी की अधिकता भी आपके शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। पानी को अवशोषित करने की शरीर की अपनी एक क्षमता होती है। वहीं जब हम बिना सोचे समझे लगातार पानी पीते जाते हैं, तो इससे बॉडी में पानी जमा हो सकता है। इसे साइंटिफिक भाषा में वॉटर इंटॉक्सिकेशन (water intoxication) कहते हैं। जिसके परिणामस्वरूप शरीर को परेशानी होती है और कई शारीरिक लक्षण नजर आ सकते हैं।
शरीर में पानी की अधिकता होने पर नजर आने वाले लक्षणों को समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने मेडिकवर हॉस्पिटल नवी मुंबई के न्यूट्रिशन और डायबीटिक्स डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ राजेश्वरी पांडा से बात की। डॉक्टर ने शारीरिक संकेतों पर बात करते हुए पानी पीने के सही तरीके भी बताए हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से।
जानिए क्या है वॉटर इंटॉक्सिकेशन (What is water intoxication)
वॉटर इंटॉक्सिकेशन या पानी विषाक्तता बहुत अधिक पानी पीने के कारण ब्रेन फंक्शन में बाधा डालता है। अधिक मात्रा में पानी पीने से से खून में पानी की मात्रा बढ़ जाती है। यह ब्लड में इलेक्ट्रोलाइट्स, खासकर सोडियम को पतला कर सकता है। यदि सोडियम का लेवल 135 मिलीमोल प्रति लीटर से नीचे चला जाता है, तो डॉक्टर इस समस्या को हाइपोनेट्रेमिया कहते हैं।
यहां जानें ज्यादा पानी पीने पर नजर आने वाले संकेत (symptoms of drinking too much water)
1. मतली या उल्टी
ओवरहाइड्रेशन के लक्षण डिहाइड्रेशन जैसे लग सकते हैं। जब आपके शरीर में बहुत ज़्यादा पानी होता है, तो किडनी अतिरिक्त फ्लूइड को बाहर नहीं निकाल पाती। यह शरीर में इकट्ठा होने लगती है, जिससे मतली, उल्टी और दस्त हो सकता है।
2. सिर दर्द होना
सिरदर्द हाइड्रेशन और डिहाइड्रेशन दोनों को दर्शाता है। शरीर में ज़्यादा पानी होने से शरीर में नमक का स्तर कम हो जाता है और सेल्स सूज जाती हैं। इस सूजन के कारण सेल्स बड़ी हो जाती हैं और मस्तिष्क में मौजूद सेल्स स्कैल्प पर दबाव डालती हैं। इस दबाव के कारण सिर में तेज़ दर्द होता है और मस्तिष्क की कार्यक्षमता कम हो सकती है, वहीं लेने में भी परेशानी हो सकती है।
3. हाथ, पैर और होठों का रंग बदलना
जब आप ज़्यादा पानी पीती हैं, तो आपको अपने पैर, हाथ और होठों में सूजन या रंग बदलना महसूस हो सकता है। शरीर में अधिक पानी जमा होने पर जब सेल्स सूज जाती हैं, तो त्वचा भी सूज सकती है।
4. मांसपेशियों में कमजोरी और ऐंठन होना
बहुत ज़्यादा पानी पीने की वजह से इलेक्ट्रोलाइट का स्तर गिर जाता है, इस स्थिति में शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का स्तर कम होने से मांसपेशियों में कमजोरी और ऐंठन हो सकती है।
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5. अधिक थकान होना
बहुत ज़्यादा पानी पीने से आपकी किडनी को अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने के लिए बहुत ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे एक हॉरमोन प्रतिक्रिया होती है, जो आपको तनाव और थकावट का एहसास कराती है। अगर आप बहुत ज़्यादा पानी पीने के बाद बिस्तर से बाहर नहीं निकल पाती हैं, तो इसका मतलब है कि आपकी किडनी ज़्यादा काम कर रही है।
6. बिल्कुल ट्रास्परेंट यूरिन
यह निर्धारित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं या नहीं, अपने यूरिन के रंग पर नज़र रखना। यह आमतौर पर हल्के पीले से लेकर चाय के रंग तक होता है, जो कि पिगमेंट यूरोक्रोम और आपके शरीर में पानी के स्तर के संयोजन के कारण होता है। अगर यूरिन बिलकुल ट्रांसपेरेंट हो रही है, तो यह अधिक पानी पीने का संकेत है।
जानें इसे कैसे करना है कंट्रोल
सेंटर फॉर डिजीज प्रीवेंशन एंड कंट्रोल के अनुसार (सीडीसी), इस बारे में कोई आधिकारिक दिशा-निर्देश नहीं हैं कि एक व्यक्ति को हर दिन कितना पानी पीना चाहिए।सही मात्रा शरीर के वजन, शारीरिक गतिविधि के स्तर, जलवायु और स्तनपान कराने जैसे कारकों के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।
ज़्यादा पानी पीने से बचने के लिए, अपने प्यास के संकेतों और यूरिन के रंग को एक मार्गदर्शक के रूप में इस्तेमाल करें। जब आपको प्यास लगे तब पानी पिएं और तब तक पिएं जब तक आपका यूरिन हल्का पीला न हो जाए। प्रति घंटे 1 लीटर से ज़्यादा तरल पदार्थ पीने से बचें, क्युकी किडनी इससे अधिक पानी को फिल्टर नहीं कर सकती है।
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