Yeh galtiyaan badhaati hain daant dard,- ये गलतियां बढ़ाती है दांत दर्द

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Yeh galtiyaan badhaati hain daant dard,- ये गलतियां बढ़ाती है दांत दर्द

ज्यादातर मरीज जब तक अपने डेंटिस्ट के पास पहुंचते हैं, तब तक वे उसके साथ कई तरह के उपचार कर चुके होते हैं। जिससे दांत संबंधी समस्याएं और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं (reasons of toothache)।

खानपान का ख्याल न रख पाने के कारण शरीर में न सिर्फ पोषक तत्वों की कमी बढ़ जाती है बल्कि इसका प्रभाव दांतों पर भी नज़र आने लगता है। इसके चलते दांत दर्द का सामना करना पड़ता हैं। अधिकतर लोग दांतों में होने वाले दर्द को इग्नोर करने लगते हैं, जो दांतों से जुड़ी समस्या को गंभीर बना देता है। इसके चलते ब्लीडिंग, सूजन और कैविटी का सामना करना पड़ता है। इससे उम्र से पहले दांतों के टूटने की समस्या शुरू हो जाती है। ऐसे में दांतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने और दर्द का इलाज करने के लिए कुछ संकेतों का ध्यान रखें। जानते हैं वो कौन सी गलतियां हैं जो दांत दर्द का कारण बन जाती हैं (reasons of toothache)।

वर्ल्ड टूथेक डे (World Toothache Day)

दांतों की सही देखभाल न कर पाने से दांतों से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगती है, जो दांत दर्द का कारण साबित होती हैं। लोगों तक डेंटल हेल्थ संबधी जानकारी पहुंचाने के लिए हर साल 9 फरवरी को वर्ल्ड टूथेक डे मनाया जाता है। इस मौके पर दुनिया भर में विभिन्न वर्कशॉप्स और सेमिनार के ज़रिए बच्चों से लेकर बड़ों तक को ओरल हाइजीन के बारे में जागरुक किया जाता है।

इस बारे में हेल्थशॉटस की टीम से बातचीत करते हुए लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, एमडीएस, डॉ दिवाकर वशिष्ट ने दांत दर्द की समस्या के बारे में जानकारी एकत्रित की। डॉ दिवाकर का कहना है कि अधिकतर लोग दांत दर्द को इग्नोर कर घरेलू नुस्खों या सेल्फ मेडिकेशन को अपनाते हैं।

इससे टूथ इनेमल प्रभावित होता है। साथ ही एक दांत में पनपने वाली समस्या उसी श्रृंखता के अन्य दांतों को भी प्रभावित करने लगती है, जिससे जेब खर्च भी बढ़ता है और दांतों को भी उसका नुकसान झेलना पड़ता है। सामान्य फिलिंग से हल होने वाली समस्या को दूर करने के लिए बहुत बार टूथ इंप्लांट और रूट कनाल की मदद लेनी पड़ती है। जानते हैं वो गलतियां, जो आमतौर पर दांत दर्द का कारण बनने लगती हैं।

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दांतों की सही देखभाल न कर पाने से दांतों से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगती है । चित्र शटरस्टॉक.

एक व्यक्ति को कितने समय के अंतराल में डेंटल चेकअप के लिए जाना चाहिए

अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के अनुसार टीथ क्लीनिंग के लिए नियमित रूप से डेंटल विज़िट की सलाह दी जाती है। दांतों के टूटने, दर्द व सूजन से बचने के लिए हर 6 महीने में दांतों की जांच करवाना बेहद ज़रूरी है। इससे दांतों से जुड़ी समसयाओं का जोत्रिम कम होने लगता है। इसके अलावा साल 1993 में हुए यूनाइटेड किंगडम चाइल्ड डेंटल हेल्थ सर्वे की मानें, तो वे बच्चे जो केवल दांतों में होने वाली समस्या के दौरान ही डेंटिस्ट के पास जाते हैं। उनके दांत अन्य बच्चों की तुलना में जल्दी टूटने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में दांतों का नियमित चेकअप आवश्यक है।

भारत में क्या है दांतों की समस्याओं की स्थिति

द बॉर्गन प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 60 से 80 फीसदी बच्चों को दांतों से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ता हैं। वहीं तकरीबन 30 फीसदी बच्चों के दांत और जॉ मिसअलाइंड पाए जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार दंत स्वास्थ्य समस्याओं वाले 50 फीसदी से ज्यादा लोग डेंटिस्ट विज़िट से बचते हैं। जहां 51 फीसदी भारतीय अपने दांतों को ब्रश करने के लिए टूथब्रश और टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते हैं। वही 28 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो दिन में दो बार दांतों की सफाई करते हैं।

ये गलतियां बढ़ा सकती है दांतों का दर्द (mistakes can worsen your toothache)

1. दांत दर्द को गंभीरता से न लेना

दांत में होने वाला हल्का दर्द किसी बड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। थोड़े थोड़े दिनों के अंतराल में अगर दर्द आपको बार बार सता रहा है, तो डॉक्टर से अवश्य जांच करवाएं। दरअसल, दांतों में बढ़ने वाला इंफ्ेक्शन और मसूड़ों में सूजन दांत दर्द की समस्या को बढ़ा देते हैं। दांतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए दांत दर्द को अवॉइड करने से बचें।

2. समस्या का आंकलन न करना

कुछ दिनों के अंतराल में अगर आपको दांत दर्द की समस्या घेर रही हैं, तो इस बात का ख्याल रखें कि कितने दिनों के भीतर दांतों से जुड़ी समसयाओं का सामना करना पड़ता है। इससे आपके लिए दांतों की समस्या को नियंत्रित करना आसान होता है और सही इलाज भी मिल पाता है। दर्द की फ्रीक्वेंसी से लेकर डयूरेशन तक सभी चीजों को नोट करके रखने से इलाज में मदद मिलती है।

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दांत में दर्द की समस्या से परेशान हैं तो दी गईं पांच टिप्स को फॉलो कर राहत का एहसास कर सकते हैं। चित्र शटर स्टॉक

3. अस्वस्थ खानपान

रात को सोने से पहले मीठा खाना दांतों में कैविटी और दर्द के जोखिम को बढ़ा देता है। दरअसल, बहुत अधिक मीठे, गर्म और ठण्डे पेय पदार्थ दांतों की सेहत को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। इसके अलावा सख्त खाद्य पदार्थों को खाने या तोड़ने की कोशिश भी दांतों की ग्रिप को कमज़ोर बना देती है। इससे दांतों में ब्लीडिंग व दर्द होना शुरू हो जाता है। साथ ही दांतों में पीलापन भी बढ़ने लगता है।

4. डॉक्टर के पास जानें से कतराना

चंद पैसे बचाने के लिए हल्की फुल्की समस्या को इग्नोर करना आगे चलकर डेंटल इंप्लांट और रूट कनाल की आवश्यकता को बढ़ा सकता है। दरअसल, दांत दर्द का समय पर इलाज करवाने से और डॉक्टर के पास नियमित विसिट करने से दांत दर्द से जल्द राहत मिल जाती है। साथ ही दांत दर्द की असल समस्या को खोजने में भी मदद करता है।

5. सेल्फ मेडिकेशन

दांत दर्द को गंभीरता से न लेकर लंबे वक्त तक घरेलू नुस्खों को अपनाने से दांतों की समस्या बढ़ने गलती है। इसके अलावा पुरानी लिखी दवाओं को बिना डॉक्टरी जानकारी के लेना एंटीबायोटिक रेसिसटेंस का कारण बनने लगता है। ऐसे में सेल्फ मेडिकेशन से बचें और डॉक्टरी सलाह अवश्य लें, ताकि समय रहते दांत की समस्या को हल किया जा सके।

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दांत दर्द को गंभीरता से न लेकर लंबे वक्त तक घरेलू नुस्खों को अपनाने से दांतों की समस्या बढ़ने गलती है। चित्र : शटरस्टॉक

6. दांत निकलवाने की जल्दी

दांत दर्द का इलाज उस दर्द के कारण को खोजना है न कि उस दांत को निकलवाना। अगर दांत में बढ़ते दर्द को कम करने के लिए दांत को निकलवा रहे हैं, तो उसका नकारात्मक प्रभाव एक एक कर अन्य दांतों पर भी दिखने लगता है। दांत निकलवाने से दांतों के मध्य गैप बढ़ने लगता है, जो कई समस्याओं का कारण बनने लगता है।

इन बातों का रखें विशेष ख्याल

दिन में दो बार दांतों की सफाई करें। इससे दांतों में जमा गंदगी को आसानी से बाहर निकाला जा सकता है।

डेंटिस्ट के पास रूटीन चेकअप के लिए जाएं। इससे दांतों की समस्याओं को समय पर दूर किया जा सकता है।

ब्रशिंग के साथ फ्लासिंग भी रूटीन में शामिल करें। इससे दांतों की गहराई में जमा फूड पार्टिकल्स आसानी से रिमूव हो जाते हैं।

दांतों की सफाई के बाद सांसों की ताज़गी को बनाए रखने के लिए माउथवॉश का प्रयोग करें।

एसिडिक फूड के सेवन से टूथ इनेमल को नुकसान पहुंचता है।

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